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Saturday, May 4, 2024

विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू, सत्ता पक्ष ने शांति से सत्र चलाने का अनुरोध किया

विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू होने जा रहा है। 23 सितंबर तक चलने वाले 18वीं विधानसभा के दूसरे सत्र में सत्ता पक्ष ने शांति से सत्र चलाने का अनुरोध किया है, वहीं विपक्ष ने महंगाई और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार घेरने का ऐलान किया है। सदन की कार्यवाही को शांतिपूर्ण तरीके से चलाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक की गई। महाना ने सभी दलों से सदन को सुचारू रुप से चलाने में मदद का अनुरोध किया है।

बैठक में विधानसभा अध्यक्ष ने सभी दलीय नेताओं से सहयोग का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि संसदीय व्यवस्था में संवाद और सकारात्मक चर्चा-परिचर्चा के माध्यम से लोकतंत्र मजबूत होता है। उन्होंने सभी दल के नेताओं से अनुरोध किया कि वे अपना-अपना पक्ष सदन में शालीनता एवं संसदीय मर्यादा के अन्तर्गत रखे और प्रेमपूर्ण वातावरण में सदन में बहस करें। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनता ने बड़े विश्वास के साथ सभी विधायकों चुनकर भेजा है। उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरना हम सबका दायित्व है। सदन में गंभीर और प्रभावी चर्चा से जनता के सम्मान में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा विपक्षी सदस्यों को आश्वस्त करते हुए कहा कि सरकार उनके हर सुझावों पर गौर व भरपूर सहयोग करेगी

सर्वदलीय बैठक में सभी दलीय नेताओं ने विधान सभा अध्यक्ष को सदन चलाने में सहयोग देने का आश्वासन दिया। संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष अगर चाहेगा तो सदन की कार्यवाही अच्छे से चलेगी। सदन चलाना है या नहीं, यह विपक्ष पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार तो चाहती है कि सदन अधिक से अधिक दिन तक चले और जनहित के मुद्दें पर सार्थक चर्चा हो। इसलिए हमने विपक्ष से सदन चलाने में मदद मांगी है। इस मौके पर सपा ने पूर्व मंत्री आजम खां पर चल रहे मुकदमों की जांच कराने की भी मांग रखी।

बैठक खत्म होने के बाद मुख्य विपक्षी सपा के मुख्य सचेतक मनोज कुमार पांडेय ने कहा कि कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार फेल रही है। प्रदेश में अपराधिक घटनाएं लगातार बढ़ रही है। खास तौर पर महिलाओं पर अपराध का ग्राफ बढ़ा है। विपक्षी दलों के नेताओं का उत्पीड़न किया जा रहा है। इसी तरह मंहगाई से आम जनता को दो जून की रोटी जुटाना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को सदन में इन मुद्दों के आधार पर ही घेरेंगे। पांडेय ने कहा कि कानून-व्यवस्था से लेकर महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध और किसानों और आम जनता से जुड़े मुद्दों पर सपा अपना मुखर आवाज उठाएगी।

सपा के अलावा बैठक में शामिल होने वाली कांग्रेस विधायक दल की नेता अराधना मिश्रा ‘मोना’, बसपा के उमाशंकर सिंह, रालोद के राजपाल वालियान, सुभासपा के बेदीराम आदि विपक्षी नेताओं ने भी मंहगाई और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरने का ऐलान किया है। बैठक में भाजपा की सहयोगी अपना दल एस की ओर से राम निवास वर्मा और निषाद पार्टी की ओर से अनिल कुमार त्रिपाठी और जनसत्ता दल (लोकतान्त्रिक) के विनोद सरोज भी मौजूद रहे।

इससे पूर्व कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में भी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि सत्र के पहले दिन वर्तमान सदस्य के निधन का निदेश और 20 सितम्बर को तीन सदस्यों को जन्म दिन की बधाई दी जायेगी। इसके अगले दिन भूतपूर्व सदस्यों के निधन के निदेश और 22 सितंबर को प्रश्नकाल के बाद का समय महिला सदस्यों को चर्चा के लिए आरक्षित रहेगा, जो कि देश की सभी विधान सभाओं में अनूठा होगा। इस अवसर पर विधान सभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे व प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद व अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

विधानसभा सत्र के दौरान सरकार को घेरने की विपक्ष की रणनीति को देखते हुए सत्ता पक्ष ने भी कमर कस ली है। इस संबंध में रविवार को लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में भाजपा विधानमंडल दल की बैठक हुई। इसमें मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों और विधायकों को पूरी तैयारी के साथ सदन में आने को कहा है। उन्होंने सभी विधायकों को सदन में शत-प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कराने को कहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन लोकतंत्र का मंदिर है, इसलिए सभी विधायकों को मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने बीते पांच साल में बेहतर काम किया है। विपक्ष के पास सरकार को घेरने के लिए कोई मुद्दा नहीं है। इसलिए भाजपा विधायकों को विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने के लिए पूरी तैयारी से सदन में आना होगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष की ओर से उठाये जाने वाले मुद्दे का जवाब तथ्यों और आंकड़ों के आधार पर दिया चाहिए। इसके लिए सभी मंत्री और विधायक विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए पूरी तैयारी करके सदन में आएं। बैठक में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी और प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल समेत सभी विधायक मौजूद रहे।

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 सितंबर को सदन की कार्यवाही में महिला विधायकों को बोलने का भरपूर मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोशिश होनी चाहिए कि सभी महिला विधायकों को बोलने का समय मिले और वह अपनी बात नि:संकोच सदन में रख सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोशिश तो यह भी होनी चाहिए कि महिलओं के बोलने के लिए आरक्षित समय में विधानसभा में अध्यक्ष और विधान परिषद में सभापति की कुर्सी पर भी महिला सदस्य ही बैठे।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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