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Friday, May 17, 2024

मनोहर लाल खट्टर ने प्रदर्शन कर रहे किसानों से कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर मानवता के आधार पर आंदोलन वापस लेने की अपील की

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों से कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर मानवता के आधार पर आंदोलन वापस लेने की अपील की है।

मुख्यमंत्री ने यह अपील ऐसे समय की है, जब राज्य सरकार ने संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए बंद स्थानों और खुले स्थानों पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में लोगों की अधिकतम संख्या घटाकर क्रमश: 50 और 200 निर्धारित कर दी है।

इससे पहले, राज्य सरकार ने खुले स्थानों पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में 500 लोगों के और बंद स्थान पर होने वाले कार्यक्रम में 200 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी थी। मुख्यमंत्री खट्टर ने गुरुवार को कहा कि विरोध-प्रदर्शन करना प्रत्येक व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार है और सरकार को कोई समस्या नहीं है, अगर वह शांतिपूर्ण तरीके से होता है, लेकिन कोविड-19 के बढ़ते मामलों की वजह से पैदा हुई स्थिति चिंता का विषय है।

आधिकारिक बयान के मुताबिक, महामारी की स्थिति की समीक्षा करने के लिए बुलाई गई बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि इस समय कोविड-19 की वजह से जीवन को खतरा हो सकता है। यह विरोध प्रदर्शन करने का सही समय नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को अपना आंदोलन मानवता के आधार पर वापस ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थिति में सुधार होने के बाद वे अपना प्रदर्शन जारी रख सकते हैं। मुख्यमंत्री ने जिला उपायुक्तों को भी निर्देश दिया कि वे प्रदर्शनकारी किसानों से संपर्क करें और उन्हें इसके लिए मनाएं।

इससे पहले बीते सप्ताह हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज कहा था कि आज जब एक बार फिर कोरोना बहुत तेजी से फैल रहा है, ऐसे में हरियाणा की सीमाओं पर किसानों का इतना बड़ा जमावड़ा लगा हुआ है। मुझे आज जनता के साथ ही किसानों भी कोरोना संक्रमण से बचाना है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति से निपटने के लिए मैं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखने वाला हूं, जिससे कि किसानों के साथ बातचीत का सिलसिला दोबारा शुरू किया जा सके।

आर-पार की लड़ाई पर अड़े किसान

गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ बीते साल 26 नवंबर से हजारों की तादाद में किसान दिल्ली और हरियाणा की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। कृषि कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है। वहीं सरकार की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि कानून वापस नहीं होगा, लेकिन संशोधन संभव है।

बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों – द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं। केन्द्र सरकार सितंबर में पारित किए तीन नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे। 

हरियाणा में कोरोना संक्रमण के 5,858 नए मामले

हरियाणा में गुरुवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 5,858 नए मामले सामने आने के बाद मामलों की कुल संख्या बढ़कर 3,35,800 पर पहुंच गई। इस महामारी से राज्य में 18 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या 3,334 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के एक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई है।

बुलेटिन के अनुसार गुड़गांव में इस महामारी के 1,434 नए मामले, फरीदाबाद में 810, करनाल में 370, पानीपत में 248, सोनीपत में 336, और पंचकूला में 315 मामले सामने आए। इसके अनुसार, फरीदाबाद में तीन, हिसार, अंबाला, करनाल, भिवानी और फतेहाबाद जिलों में दो-दो लोगों की मौतें हुईं। बुलेटिन के अनुसार, हरियाणा में कोविड-19 के एक्टिव मरीजों की संख्या 30,518 है। अब तक 3,01,948 लोग स्वस्थ हो चुके हैं और राज्य में स्वस्थ होने की दर 89.92 प्रतिशत है। 

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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