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Friday, May 3, 2024

मन की बात कार्यक्रम पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत जल संरक्षण के मुद्दे से की, लोगों से पानी बचाने को कहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। यह इस साल का दूसरा मन की बात कार्यक्रम था। पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत जल संरक्षण के मुद्दे से की और लोगों से पानी बचाने की कोशिश करने को कहा। इसके बाद पीएम ने कोरोना के नियमों में ढिलाई न करने को कहा और साथ ही इस बार परीक्षा पर चर्चा में छात्रों के अलावा शिक्षकों-अभिभावकों को भी हिस्सा लेने के लिए कहा। जानें पीएम मोदी ने अपने कार्यक्रम में किन मुद्दों को उठाया:

कोरोना नियमों में ढिलाई न करें: पीएम मोदी

आप सभी को त्योहारों की अग्रिम शुभकामनायें, साथ-साथ कोरोना के सम्बन्ध में जो भी नियमों का पालन करना उसमें कोई ढिलाई नहीं आनी चाहिये | बहुत-बहुत धन्यवाद: पीएम मोदी

परीक्षा पर चर्चा में पीएम मोदी ने शिक्षकों और अभिभावकों को भी शामिल होने को कहा

मार्च में होने वाली ‘परीक्षा पे चर्चा’ से पहले मेरी आप सभी exam warriors से, parents से, और teachers से, request है कि अपने अनुभव, अपने tips ज़रूर share करें । आप MyGov पर share कर सकते हैं। NarendraModi App पर share कर सकते हैं: पीएम मोदी

वॉरियर बनना है, वरियर नहीं: पीएम मोदी

आप सब को याद है ना – Warrior बनना है worrier नहीं, हँसते हुए exam देने जाना है और मुस्कुराते हुए लौटना है । किसी और से नहीं, अपने आप से ही स्पर्धा करनी है: पीएम

मेरी एक कमी रही कि तमिल भाषा नहीं सीख पाया: पीएम मोदी

मेरी एक कमी ये रही कि मैं दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा – तमिल सीखने के लिए बहुत प्रयास नहीं कर पाया, मैं तमिल नहीं सीख पाया। यह एक ऐसी सुंदर भाषा है, जो दुनिया भर में लोकप्रिय है | बहुत से लोगों ने मुझे तमिल साहित्य की गुणवत्ता और इसमें लिखी गई कविताओं की गहराई के बारे में बहुत कुछ बताया है: पीएम मोदी

भारत की बनी मिसाइलें, वैक्सीन गर्व बढ़ाते हैं: पीएम मोदी

जब दर्जनों देशों तक मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन को पहुंचते हुए देखते हैं, तो हमारा माथा और ऊंचा हो जाता है। जब आसमान में हम अपने देश में बने लड़ाकू विमान तेजस को कलाबाजियां खाते देखते हैं, जब भारत में बने टैंक, भारत में बनी मिसाइलें, हमारा गौरव बढ़ाते हैं, जब समृद्ध देशों में हम मेट्रो ट्रेन के मेड इन इंडिया कोच देखते हैं: पीएम मोदी

आत्मनिर्भर भारत अभियान नहीं नेशनल स्पिरिट

मैं ये भी कहूंगा कि आत्मनिर्भरता की पहली शर्त होती है – अपने देश की चीजों पर गर्व होना, अपने देश के लोगों द्वारा बनाई वस्तुओं पर गर्व होना। जब प्रत्येक देशवासी गर्व करता है, प्रत्येक देशवासी जुड़ता है, तो आत्मनिर्भर भारत, सिर्फ एक सरकारी अभियान न रहकर एक नेशनल स्पिरिट बन जाता है: पीएम मोदी

ऑर्गेनिक खेती करने वाले फुत्सौग का पीएम मोदी ने जिक्र किया

लद्दाख के उरगेन फुत्सौग जी इतनी ऊंचाई पर ऑर्गेनिक तरीके से खेती करके करीब 20 फसलें उगा रहे हैं वो भी क्रमिक तरीके से, यानी वो, एक फसल के कचरे को, दूसरी फसल में, खाद के तौर पर, इस्तेमाल कर लेते हैं: पीएम मोदी

पीएम मोदी हैदराबाद के चितला वेंकट रेड्डी का जिक्र किया

हैदराबाद के चिंतला वेंकट रेड्डी जी , जिन्होंने, गेहूं , चावल की ऐसी प्रजातियों को विकसित की जो खासतौर पर ‘विटामिन-डी’ से युक्त हैं। इसी महीने उन्हें World Intellectual Property Organization, जिनेवा से पेटेंट भी मिली है । ये हमारी सरकार का सौभाग्य है कि वेंकट रेड्डी जी को पिछले साल पद्मश्री से भी सम्मानित किया था: पीएम मोदी

साइंस को लैब टू लैंड के मंत्र के साथ आगे बढ़ाना होगा

आज ‘नेशनल साइंस डे’ भी है। आज का दिन भारत के महान वैज्ञानिक, डॉक्टर सी.वी. रमन जी द्वारा की गई ‘Raman Effect’ खोज को समर्पित है। केरल से योगेश्वरन जी ने NamoApp पर लिखा है कि Raman Effect की खोज ने पूरी विज्ञान की दिशा को बदल दिया था। हम जैसे दुनिया के दूसरे वैज्ञानिकों के बारे में जानते हैं, वैसे ही, हमें, भारत के वैज्ञानिकों के बारे में भी जानना चाहिए ! मैं जरुर चाहूँगा कि हमारे युवा, भारत के वैज्ञानिक – इतिहास को, हमारे वैज्ञानिकों को जाने, समझें और खूब पढ़ें। हमें science को Lab to Land के मंत्र के साथ आगे बढ़ाना होग: पीएम मोदी

संत रविदास जी को अपने देश के युवाओं पर जरूर गर्व होता होगा: पीएम मोदी

माघ पूर्णिमा के दिन ही संत रविदास जी की जयंती होती है । आज भी, संत रविदास जी के शब्द, उनका ज्ञान, हमारा पथप्रदर्शन करता है। उन्होंने कहा था- एकै माती के सभ भांडे,सभ का एकौ सिरजनहार । रविदास व्यापै एकै घट भीतर, सभ कौ एकै घड़ै कुम्हार ।। हम सभी एक ही मिट्टी के बर्तन हैं, हम सभी को एक ने ही गढ़ा है। संत रविदास जी ने समाज में व्याप्त विकृतियों पर हमेशा खुलकर अपनी बात कही । उन्होंने इन विकृतियों को समाज के सामने रखा, उसे सुधारने की राह दिखाई और तभी तो मीरा जी ने कहा था – ‘गुरु मिलिया रैदास, दीन्हीं ज्ञान की गुटकी। आज जब मैं देश के युवाओं में इनोवेटिव स्पिरिट देखता हूँ तो मुझे लगता है कि हमारे युवाओं पर संत रविदास जी को जरुर गर्व होता: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने बंद पड़े कुओं को फिर से जीवित करने की तारीफ की

एक समय था जब गाँव में कुएं, पोखर, इनकी देखभाल, सब मिलकर करते थे, अब ऐसा ही एक प्रयास, तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई में हो रहा है। यहाँ स्थानीय लोगों ने अपने कुओं को संरक्षित करने के लिये अभियान चलाया हुआ है ।ये लोग अपने इलाके में वर्षों से बंद पड़े सार्वजनिक कुओं को फिर से जीवित कर रहे हैं: पीएम मोदी

जल को बचाने की जिम्मेदारी सामूहिक है

पानी के संकट को हल करने के लिये एक बहुत ही अच्छा संदेश पश्चिम बंगाल के ‘उत्तर दीनाजपुर’ से सुजीत जी ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को भेजा है। सुजीत जी ने लिखा है कि प्रकृति ने जल के रूप में हमें एक सामूहिक उपहार दिया है इसलिए इसे बचाने की जिम्मेदारी भी सामूहिक है: पीएम

विश्व जल दिवस पर पीएम मोदी ने की जल संरक्षण की अपील

कुछ दिनों बाद मार्च महीने में ही 22 तारीख को ‘World Water Day’ भी है : पीएम मोदी

पानी बचाने के प्रयास होने चाहिए: पीएम

पानी के संरक्षण के लिये, हमें, अभी से ही प्रयास शुरू कर देने चाहिए: पीएम मोदी

पारस से ज्यादा जरूरी पानी: पीएम

पानी, एक तरह से पारस से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है । कहा जाता है पारस के स्पर्श से लोहा, सोने में परिवर्तित हो जाता है । वैसे ही पानी का स्पर्श, जीवन के लिये जरुरी है, विकास के लिये जरुरी है- पीएम

भारत में हर दिन पानी से जुड़ा उत्सव होता है: पीएम मोदी

भारत में कोई ऐसा दिन नहीं होगा जब देश के किसी-न-किसी कोने में पानी से जुड़ा कोई उत्सव न हो । माघ के दिनों में तो लोग अपना घर-परिवार, सुख-सुविधा छोड़कर पूरे महीने नदियों के किनारे कल्पवास करने जाते हैं- पीएम

हर समाज में नदी से जुड़ी परंपरा होती है

दुनिया के हर समाज में नदी के साथ जुड़ी हुई कोई-न-कोई परम्परा होती ही है । नदी तट पर अनेक सभ्यताएं भी विकसित हुई हैं । हमारी संस्कृति क्योंकि हजारों वर्ष पुरानी है, इसलिए, इसका विस्तार हमारे यहां और ज्यादा मिलता है – पीएम

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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