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Saturday, May 11, 2024

मणिपुर हाईकोर्ट के फैसले से पहाड़ी राज्य में तनाव बढ़,सेना का फ्लैग मार्च शुरू

मणिपुर हाईकोर्ट के एक फैसले से पहाड़ी राज्य में तनाव बढ़ गया है। हालात को देखते हुए सेना को तैनात किया गया। सेना के जवान राज्य के विभिन्न इलाकों में फ्लैग मार्च कर रहे हैं। सेना ने जानकारी दी है कि मणिपुर नागरिक प्रशासन की अपील पर विभिन्न इलाकों में सेना की तैनाती की गई है। यह तैनाती तीन मई शाम से की गई है। लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जा रहा है और कानून व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश की जा रही है।

हिंसा भड़कने का डर
बता दें कि बुधवार को विभिन्न छात्र संगठनों ने ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन के बैनर तले मणिपुर के सभी 10 जिलों में मार्च निकाला था, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारी मैती समुदाय को जनजाति का दर्जा देने का विरोध कर रहे हैं। बता दें कि बीती 19 अप्रैल को मणिपुर हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि सरकार को मैती समुदाय को जनजातीय वर्ग में शामिल करने पर विचार करना चाहिए और हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इसके लिए चार हफ्ते का समय दिया है। फैसले के विरोध में मणिपुर के बिशनुपुर और चंद्रचूड़पुर जिलों में हिंसा हुई है। हिंसा को भड़कने से रोकने के लिए सरकार ने राज्य में पांच दिनों के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। चंद्रचूड़पुर जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया है।  

क्या है विवाद
मणिपुर में मैती समुदाय के लोगों की संख्या करीब 60 प्रतिशत है और ये समुदाय इंफाल घाटी और उसके आसपास के इलाकों में बसा हुआ है। मैती समुदाय का कहना है कि राज्य में म्यांमार और बांग्लादेश के अवैध घुसपैठियों की वजह से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं मौजूदा कानून के तहत उन्हें राज्य के पहाड़ी इलाकों में बसने की इजाजत नहीं है। यही वजह है कि मैती समुदाय ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उन्हें जनजातीय वर्ग में शामिल करने की गुहार लगाई थी। 

जनजातीय वर्ग क्यों कर रहा है विरोध?
वहीं हाईकोर्ट के फैसले का राज्य का जनजातीय वर्ग विरोध कर रहा है। जनजातीय वर्ग को डर है कि मैती समुदाय को अगर जनजातीय वर्ग में शामिल कर लिया जाता है तो वह उनकी जमीन और संसाधनों पर कब्जा कर लेंगे। 

anita
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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