पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार को राज्य में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों के लिए नंदीग्राम सीट से अपना नामांकन दाखिल कर दिया।
पर्चा दाखिल करने के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि नंदीग्राम मेरे लिए नया नहीं है। मैंने यहां जनता के लिए आंदोलन किया और अनशन किया। भवानीपुर छोड़कर नंदीग्राम आने को लेकर ममता बनर्जी ने कहा कि यह मेरे लिए नई जगह नहीं है। मैं हमेशा से सिंगूर या नंदीग्राम से चुनाव लड़ना चाहती थी।
टीएमसी ने बीते 5 मार्च को अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करते हुए यह घोषणा की थी कि ममता बनर्जी इस बार नंदीग्राम से चुनाव लड़ेगी। इससे पहले वह भवानीपुर सीट से चुनाव लड़ती आई थीं।
वहीं 6 मार्च को भाजपा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ नंदीग्राम से पूर्व टीएमसी नेता शुभेंदु अधिकारी को राज्य विधानसभा चुनाव में इस हाई-प्रोफाइल सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की।
तृणमूल कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री रह चुके आधिकारी पिछले साल दिसंबर में भाजपा में शामिल हुए थे। उन्होंने पहले कहा था कि नंदीग्राम से भाजपा 50,000 से अधिक मतों से टीएमसी को हराएगी।
वहीं नंदीग्राम की इस सीट पर नामांकन दाखिल करने से पहले मंगलवार को ममता बनर्जी ने रैली में बीजेपी पर जमकर हमला बोलते हुए हिंदुत्व के जवाब में ब्राह्मण कार्ड खेला था। उन्होंने कहा कि मैं एक ब्राह्मण हूं और मुझे हिंदू होना मत सिखाइए। उन्होंने बुधवार को भी हिंदू कार्ड खेलते हुए शिव मंदिर में पूजा की और लोगों से मुलाकात की। इसके बाद वह हल्दिया गईं और फिर नामांकन दाखिल किया।
मंच से ही चंडीपाठ कर ममता ने अपने इरादे जाहिर कर दिए और नंदीग्राम के अपने 2008 के दिनों को याद किया, जब वामपंथी दलों के शासन के दौरान उन्होंने आंदोलन तेज किया था। ममता बनर्जी ने कहा कि मैं अपना नाम भूल सकती हूं, लेकिन नंदीग्राम नहीं भूल सकती। ममता के नामांकन से ही नंदीग्राम के संग्राम की शुरुआत हो जाएगी।
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में विधानसभा चुनाव (west Bengal Polls 2021 dates) होंगे और वोटों की गिनती 2 मई को होगी। पहले चरण का मतदान 27 मार्च को, दूसरे चरण का एक अप्रैल को, तीसरे चरण का 6 अप्रैल को, चौथे चरण का 10 अप्रैल को, पांचवें चरण का 17 अप्रैल को, छठे चरण का 22 अप्रैल को, सातवें चरण का 26 अप्रैल को और अंतिम चरण का मतदान 29 अप्रैल को होगा। वहीं साल 2016 में पश्चिम बंगाल में सात चरणों में 4 अप्रैल से 5 मई के बीच विधानसभा चुनाव हुए थे।