हरियाणा में BJP ने जो चाल चली है, लोकसभा चुनाव के लिहाज़ से वह बेहद चौंकाने वाला रहा । ऐसा लगता है हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सैनी को CM का पद सौंप कर BJP ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं। एक तो खट्टर के प्रति जनता की नाराजगी का खामियाजा अब संभवतः लोकसभा चुनावों में BJP उम्मीदवारों को नहीं भुगतना पड़ेगा, दूसरा इस फेरबदल के साथ ही BJP ने लगातार दबाव डाल रही सहयोगी पार्टी जजपा से भी छुटकारा पा लिया है । इस फ़ैसले की वजह से अब राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटों पर बीजेपी का चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया है।
नायब सैनी चूंकि OBC नेता भी हैं इसलिए 2024 के चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस के OBC कार्ड का भी जवाब बखूबी दे दिया है।
यही नहीं दुष्यंत चौटाला की पार्टी के अकेले लड़ने से अब हरियाणा में जाट वोटों का बंटवारा भी होगा जिससे सीधा फायदा भाजपा को होने वाला है ।
गौरतलब है कि राज्य में कांग्रेस के अलावा जजपा और इंडियन नेशनल लोकदल का जाटों के बीच अच्छा प्रभाव है, यह सभी दल जब अलग-अलग उम्मीदवार उतारेंगे तो भाजपा से नाराज चल रहे जाट मतदाताओं के वोटों का बिखराव होगा। इसके अलावा कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाने से आम आदमी पार्टी की उम्मीदों को भी बड़ा झटका लगा है क्योंकि उसने हरियाणा में कांग्रेस के साथ गठबंधन के तहत कुरुक्षेत्र की सीट लेकर वहां अपने पिछड़े वर्ग के उम्मीदवार की घोषणा पहले ही कर दी है। लेकिन अब पिछड़े वर्ग के CM नायब सेनी के क्षेत्र से आम आदमी पार्टी की जीत की संभावनाएं बेहद क्षीण दिख रही हैं ।