दिल्ली सरकार ने पिछले साल नवंबर से लागू गई नई आबकारी नीति के तहत शहर में खुदरा शराब की दुकानों का न्यूनतम आकार 500 वर्गफुट और अधिकतम आकार 2000 वर्ग फुट तय किया था। लेकिन दिल्ली सरकार के मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने आबकारी नीति 2022-23 को तैयार करने के लिए कई सिफारिशें की हैं, जिसमें शराब की खुदरा दुकानों का अधिकतम आकार 5000 वर्गफुट या फिर उससे भी अधिक बढ़ाने की बात की गई है।
साथ ही, जीओएम ने सिफारिश की थी कि ऐसे ग्राहकों के लिए जो दुकानों के अंदर केवल शराब खरीदने के लिए जाना चाहते हैं, उसके लिए खुदरा शराब की दुकानों का न्यूनतम आकार 500 वर्गफुट अनिवार्य कर देना चाहिए। जीओएम ने यह सिफारिश भी की है कि यदि लाइसेंस धारक 5000 वर्ग फुट से अधिक आकार की खुदरा दुकान खोलना चाहता है तो उससे पांच करोड़ रुपये का अतिरिक्त वार्षिक लाइसेंस शुल्क लेकर सरकार को ऐसा करने की मंजूरी देनी चाहिए।
एक आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार, दिल्ली सरकार शराब की दुकानों का अधिकतम आकार 2000 वर्ग फुट से बढ़ाकर 5000 वर्ग फुट करने की तैयारी कर चुकी है। इन दुकानों में सिगार, शराब वाली चॉकलेट, कलाकृतियां, बैठ कर पीने की सुविधा, बर्फ के बक्से, बार ग्लास और अन्य सुविधाएं उच्च मूल्य पर बेचने की अनुमति दी जा सकती है।
सरकार के अधिकारियों के अनुसार आबकारी नीति 2022-23 के संबंध में होम डिलीवरी और जीओएम की अन्य सिफारिशों के प्रस्तावों को मंजूरी के लिए दिल्ली मंत्रिमंडल के सामने रखा जाएगा। जीओएम का मानना है कि महामारी या आपातकालीन परिस्थिति में लगाए गए लॉकडाउन के दौरान शराब की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए होम डिलीवरी एक उपयुक्त विकल्प है। इसके अलावा शराब का समान वितरण सुनिश्चित करने, नकली शराब की खपत पर लगाम लगाने और अंतरराज्यीय तस्करी रोकने में भी यह कारगर है।