अग्निपथ योजना के विरोध में चल रहे प्रदर्शन के बीच सेना ने साझा प्रेस वार्ता कर इस योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि यह योजना काफी विचार-विमर्श करके लाई गई है। दो साल से इस योजना पर चर्चा चल रही थी। इस योजना का उद्देश्य युवाओं के जोश-होश के बीच तालमेल बनाना है। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना युवाओं के लिए फायदेमंद है। सभी अग्निवीरों को आम जवानों की तरह फायदे मिलेंगे। उन्होंने कहा कि आज की तुलना में अग्निवीरों को ज्यादा अलाउंस और सुविधाएं मिलेंगी। सेनानिवृति के सवाल पर अनिल पुरी ने कहा कि हर साल लगभग 17,600 लोग तीनों सेवाओं में समय से पहले सेवानिवृत्ति ले रहे हैं। किसी ने कभी उनसे यह पूछने की कोशिश नहीं की कि वे सेवानिवृत्ति के बाद क्या करेंगे? उन्होंने कहा कि यह योजना युवाओं के भविष्य के लिए सोच-समझकर उठाया गया कदम है। वहीं सेना ने तीनों सेनाओं में भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए तारीखों का एलान कर दिया है। थलसेना ने कहा है कि उसकी भर्ती प्रक्रिया 1 जुलाई से शुरू हो जाएगी। वहीं वायुसेना की भर्ती प्रक्रिया 24 जून से शुरू होगी जबकि नौसेना की भर्ती प्रक्रिया 25 जून से शुरू होगी।
सेना ने देशभर में हो रहे प्रदर्शन को लेकर नाराजगी भी व्यक्त की है। सेना ने कहा कि कुछ संस्थान जिन्होंने छात्रों से तैयारी के पैसे ले लिए हैं वे उन्हें उकसा रहे हैं। सेना एक बात साफ कर देना चाहती है कि अगर किसी भी युवा के खिलाफ FIR होती है तो उसे सेना में भर्ती होने का मौका नहीं दिया जाएगा।
अनिल पुरी ने कहा कि देश की सेवा में बलिदान देने वाले अग्निवीरों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा। ‘अग्निवर’ को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता और सुविधाएं मिलेंगी जो वर्तमान में नियमित सैनिकों पर लागू होती है। सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा।
नौसेना के वाइस एडमिरल डी.के. त्रिपाठी ने कहा कि हमने अपनी भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। 25 जून तक हमारी एडवरटाइजमेंट सूचना और प्रसारण मंत्रालय में पहुंच जाएगा। एक महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 21 नवंबर को हमारे पहले अग्निवीर हमारे ट्रेनिंग संस्थान में रिपोर्ट करेंगे।