रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान का आज दूसरा दिन है। अयोध्या में भगवान श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए अनुष्ठान मंगलवार से प्रारंभ हुआ। रामलला की प्रतिमा 18 जनवरी को गर्भगृह में निर्धारित आसन पर स्थापित कर दी जाएगी। पिछले 70 वर्षों से पूजित वर्तमान प्रतिमा को भी नए मंदिर के गर्भगृह में ही रखा जाएगा। 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला मंदिर में विराजमान होंगे। इस दिन प्राण प्रतिष्ठा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे।
मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई रामलला की मूर्ति गर्भगृह में स्थापना के लिए चुने जाने से योगीराज का परिवार बहुत खुश है। योगीराज की पत्नी विजेता ने बताया कि प्रभु राम की मूर्ति के बनाते समय एक नुकीला टुकड़ा उनकी (योगीराज) आंख में चुभ गया। हालांकि, ऑपरेशन के बाद उसे हटा दिया गया। दर्द के दौरान भी वह नहीं रुके और काम करते रहे। उनका काम इतना अच्छा था कि इसने सभी को प्रभावित किया।
यम नियम के मुताबिक पीएम प्राण प्रतिष्ठा से तीन दिन पहले सामान्य बिस्तर का त्याग कर देंगे। प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन तक वह लकड़ी की चौकी पर कंबल बिछा कर सोएंगे। 11 दिनों के यम नियम में पीएम को हर दिन शास्त्रों के मुताबिक अलग-अलग कार्य करने होंगे। इसी नियम के तहत पीएम को अंतिम तीन दिन अन्न त्याग कर सिर्फ फलाहार पर निर्भर रहना होगा।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष निर्मल खत्री ने कहा कि राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के व्यक्तिगत निमंत्रण के सम्मान में, मैं 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में भाग लूंगा।