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Wednesday, May 8, 2024

दिवंगत मंत्री नब किशोर दास का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।

ओडिशा के दिवंगत स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री नब किशोर दास को आज अंतिम श्रद्धांजलि दी जा रही है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी नब दास को उनके सरकारी आवास पर पहुंचकर अंतिम श्रद्धांजलि दी। बता दें कि झारसुगुड़ा जिले में एक पुलिसकर्मी द्वारा गोली मारे जाने के बाद मंत्री नब दास की रविवार को एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। वहीं इस बीच ओडिशा सरकार ने कहा कि दिवंगत मंत्री का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। पूरे राज्य में 31 जनवरी तक कोई आधिकारिक कार्यक्रम भी नहीं होगा। वहीं इस दौरान भुवनेश्वर में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा

रविवार दोपहर एक बजे मारी गई थी गोलीबता दें कि 60 वर्षीय मंत्री को रविवार दोपहर करीब 1 बजे ब्रजराजनगर शहर में सहायक पुलिस उप-निरीक्षक (एएसआई) गोपाल दास ने गोली मार दी थी, जिसके बाद उन्हें झारसुगड़ा के अस्पताल में भर्ती करवाया गया। लेकेन स्थिति बिगड़ने के बाद उन्हें एयरलिफ्ट कर भुवनेश्वर ले जाया गया जहां अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों की एक टीम ने मंत्री का ऑपरेशन किया, लेकिन अंत में उन्होंने दम तोड़ दिया।

नब दास ओडिशा के प्रभावशाली नेताओं में से एक थेबता दें कि ओडिशा के प्रभावशाली नेताओं में गिने जाने वाले नब दास की गिनती नवीन पटनायक के बेहद करीबी और उनकी सरकार के सबसे अमीर मंत्रियों में होती है। बीजद में शामिल होने से पहले वे कांग्रेस में थे और वे उन चंद कांग्रेसी नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने लगभग दो दशक तक नवीन पटनायक की लहर का ना केवल सामना किया था बल्कि बीजद उम्मीदवारों को हराया भी था।छात्र राजनीति से की थी राजनीतिक जीवन की शुरुआतओडिशा के दिवंगत मंत्री नब दास विधि स्नातक थे। अपने कॉलेज के दिनों से ही उनकी राजनीति में अच्छी खासी रुचि थी। वे पश्चिमी ओडिशा के सबसे पुराने कॉलेजों में से एक संबलपुर के गंगाधर मेहर कॉलेज में छात्र संघ अध्यक्ष चुने गए थे। ओपीसीसी का सदस्य बनने से पहले वह ओडिशा एनएसयूआई और फिर ओडिशा यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष बने। पिछले दो दशकों में वे एआईसीसी सदस्य और ओपीसीसी के कार्यकारी अध्यक्षों भी रहे थे। नब दास की गिनती ओडिशा कांग्रेस के बड़े नेताओं में होती थी। हालांकि बाद में उन्होंने कांग्रेस पार्टी से किनारा कर लिया था।

कांग्रेस के टिकट पर पहली बार बने थे विधायकनब किशोर दास ने साल 2009 में बीजद उम्मीदवार किशोर कुमार मोहंती को हराकर कांग्रेस के टिकट पर झारसुगुड़ा से अपना पहला चुनाव जीता था। इसके बाद मोहंती को दोबारा हराकर वे 2014 में फिर से झारसुगुड़ा से चुने गए। हालांकि, इसके 5 साल बाद उन्होंने बीजद में शामिल होने का फैसला किया। अपने फैसले को अमलीजामा पहनाते हुए नब दास साल 2019 में बीजद में शामिल हो गए थे। ऐसा कहा जाता है कि बीजद में जाने से पहले उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व से कहा था कि उनके लोग चाहते हैं कि वे नवीन पटनायक के साथ रहें।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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