लखनऊ, 2 मार्च 2025, रविवार। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बड़ा धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें 87 लाख रुपये की ठगी हुई है। यह मामला नगराम के करोरा गांव निवासी हरिराम के पिता अयोध्या प्रसाद की जमीन से जुड़ा हुआ है। हरिराम के अनुसार, उनके पिता ने 2015 में चार बिस्वा जमीन बेचने के लिए सहन खेड़ा निवासी मिश्रीलाल से बात की थी। मिश्रीलाल ने बताया कि यह जमीन चमनलाल खरीदेंगे। सौदा तय होने के बाद जब हरिराम और उनके पिता मोहनलालगंज तहसील में रजिस्ट्री कराने पहुंचे, तो मिश्रीलाल का साथी दुर्गा प्रसाद वहां मौजूद था।
आरोप है कि मिश्रीलाल के वकील ने उनके पिता से बिना पढ़े ही रजिस्ट्री के कागजों पर अंगूठा लगवा लिया। बाद में पता चला कि रजिस्ट्री चमनलाल के नाम पर न होकर किसी और को कर दी गई थी। इसके बाद, मिश्रीलाल और शैलेंद्र उन्हें कलेक्ट्रेट ले गए और औपचारिकताओं के नाम पर सादे कागजों पर भी अंगूठा लगवा लिया।
हरिराम के मुताबिक, वर्ष 2022 में उन्हें पता चला कि शाइन सिटी के लोगों ने तय जमीन के बदले उनके पिता से चकमार्ग से सटी हुई दस बिस्वा जमीन अपने नाम करा ली है। जब उन्होंने विरोध किया, तो मिश्रीलाल ने रजिस्ट्री की अदला-बदली कराने का आश्वासन दिया।
बाद में, आरोपियों ने हरिराम के पिता की जगह किसी और व्यक्ति को खड़ा कर सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डॉ. अशोक चंद्र को जमीन बेच दी और उनसे 87 लाख रुपये भी वसूल लिए। थानाध्यक्ष नगराम विवेक कुमार चौधरी के अनुसार, डॉ. अशोक चंद्र, रिशू सिंह, शिवम भास्कर, शैलेंद्र सिंह, दुर्गा प्रसाद और मिश्रीलाल पर केस दर्ज किया गया है।
आरोप है कि रिटायर्ड आईएएस अधिकारी डॉ. अशोक चंद्र भी इस साजिश में शामिल थे और उन्हें इस फर्जीवाड़े की पूरी जानकारी थी। हालांकि, डॉ. अशोक चंद्र का कहना है कि उन्हें जमीन मिली ही नहीं, बल्कि आरोपियों ने उनसे भी 87 लाख रुपये ठग लिए। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि मामले में मौजूद साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।