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Friday, November 22, 2024

कोलकाता रेप मर्डर केस: न्याय की मांग पर फिर सड़क पर उतरे जूनियर डॉक्टर्स

‘जनता चार्जशीट’ में CBI पर लगाए ये आरोप
कोलकाता, 9 नवंबर 2024, शनिवार। कोलकाता में आरजी कर मामले में न्याय की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टरों ने बड़ा प्रदर्शन किया। कॉलेज स्क्वायर से एस्प्लेनेड तक मार्च निकाला गया, जिसमें नागरिक समाज के लोग भी शामिल हुए। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने साफ कहा कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता, वे सड़क से नहीं हटेंगे। यह प्रदर्शन आरजी कर मेडिकल कॉलेज में मेडिकल छात्रा की रेप-हत्या के मामले में न्याय की मांग को लेकर किया गया है। जुलूस के अंत में उन्हें ‘जनता चार्जशीट’ दायर किया गया।
जूनियर डॉक्टर देवाशीष हलदर ने साफ किया है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में मेडिकल छात्रा की रेप-हत्या के मामले में न्याय मिलने तक वे सड़क पर रहेंगे और आंदोलन जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, “हम सड़कें नहीं छोड़ रहे हैं। आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा। न्याय मिलने तक मैं यह आंदोलन जारी रखूंगा। मैं सड़क पर हूं, रुकूंगा।” हालांकि, शनिवार के कार्यक्रम में डॉक्टर्स फ्रंट के कई परिचित चेहरे शामिल नहीं थे, क्योंकि उनकी परीक्षाएं सामने हैं। डॉक्टरों ने बताया कि वे फिलहाल आंदोलन में शामिल नहीं हो सकते हैं।
कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन में आम लोगों के अलावा कई प्रतिष्ठित लोग भी शामिल हुए। इनमें चैती घोषाल, देवालीना दत्त, और पूर्व न्यायाधीश अशोक गांगली का नाम उल्लेखनीय है। जुलूस की शुरुआत में बड़े-बड़े बैनर दिखे, जिन पर लिखा था, ’90 दिन बीत गए, कब तक न्याय नहीं मिलेगा’। यह आंदोलन आरजी कर मेडिकल कॉलेज में मेडिकल छात्रा की रेप-हत्या के मामले में न्याय की मांग को लेकर किया गया है। आंदोलनकारियों ने सीबीआई जांच पर सवाल उठाए और उनके हाथों में तख्तियां और पोस्टर थे, जिन पर लिखा था, ‘बिचार चाय’। यह आंदोलन पश्चिम बंगाल के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित कर रहा है, लेकिन वरिष्ठ चिकित्सकों ने आपातकालीन विभाग में सेवाएं जारी रखी हैं।
कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन ने एक नया मोड़ ले लिया है, जहां पूर्व न्यायाधीश अशोक गांगुली ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निराशा व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने सीबीआई रिपोर्ट देखने के बाद हैरानी जताई थी, लेकिन इसके बाद आवाज शांत हो गई और तारीखें खिसकती रहीं। इस बीच, सीबीआई ने सियालदह कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है और 11 नवंबर से निचली अदालत में सुनवाई शुरू होगी। केंद्रीय जांच एजेंसी का दावा है कि जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है।
पूर्व न्यायाधीश अशोक गांगुली ने यह भी कहा कि संजय रॉय अकेले नहीं थे, और कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने मामले में क्या किया? उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की भूमिका से लोगों की निराशा को भी उजागर किया।

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