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Saturday, May 4, 2024

कल कामदा एकादशी व्रत,जानें शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और पारण का समय

एकादशी को सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है। अधिकांश भक्त धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में शामिल होते हैं। इस दिन भक्त कठोर उपवास रखते हैं। एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। यह महीने में दो बार आती है, एक शुक्ल पक्ष में और दूसरी कृष्ण पक्ष में। राम नवमी के बाद आने वाली ये एकादशी दुख और दरिद्रता को दूर करती है और कामनाओं को पूरा करती है।इसके व्रत के प्रभाव से जाने-अनजाने हुए पाप भी कट जाते हैं। द्रिक पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को यानी 1 अप्रैल 2023 को कामदा एकादशी मनाई जा रही है।

कामदा एकादशी शुभ मुहूर्त

इस वर्ष कामदा एकादशी 1 और 2 अप्रैल को मनाई जाएगी। कामदा एकादशी 2023 के महत्वपूर्ण समय इस प्रकार हैं:एकादशी तिथि प्रारंभ: 1 अप्रैल 2023, शनिवार, 1:58 AMएकादशी तिथि समाप्त: 2 अप्रैल 2023 , रविवार, 4:19 AMपारण का समय: 2 अप्रैल, रविवार दोपहर 1:40 मिनट से शाम 4 :10 मिनट तकवहीं जो लोग 02 अप्रैल को व्रत रख रहे हैं, वे 03 अप्रैल 2023 की सुबह 06 बजकर 09 मिनट के बाद कभी भी व्रत का पारण कर सकते हैं।

कामदा एकादशी का महत्व’

कामदा’ शब्द ‘इच्छाओं की पूर्ति’ का प्रतीक है और इस प्रकार, कामदा एकादशी को एक आध्यात्मिक अनुष्ठान माना जाता है जो सभी सांसारिक इच्छाओं को पूरा करता है। कामदा एकादशी के महत्व का उल्लेख कई हिंदू शास्त्रों और पुराणों जैसे ‘वराह पुराण’ में किया गया है। इसके अलावा, महाभारत के दौरान, श्री कृष्ण ने राजा युधिष्ठिर को कामदा एकादशी के महत्व और लाभों के बारे में बताया था। ऐसा माना जाता है कि कामदा एकादशी का व्रत व्यक्ति को अपने गुणों को पुनः प्राप्त करने और सुधारने में मदद करता है। इसके अलावा, यह भक्तों और उनके परिवारों को सभी श्रापों से बचाता है। यदि भक्त इस दिन उपवास रखता है तो ब्राह्मण की हत्या सहित सभी पापों को क्षमा किया जा सकता है। यह भी माना जाता है कि अगर विवाहित जोड़े कामदा एकादशी का व्रत रखते हैं, तो उन्हें संतान की प्राप्ति हो सकती है। यह व्रत भक्त को मोक्ष प्राप्त करने और भगवान विष्णु के निवास स्थान वैकुंठ धाम तक पहुंचने में मदद करता है।

कामदा एकादशी व्रत विधि

एकादशी के दिन साधक को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करके श्री विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद एकादशी व्रत का संकल्प लें।भगवान विष्णु और लक्ष्मी माता की पूजा-अर्चना करें।उन पर चंदन, फूल, फल और धूप अर्पित करना चाहिए। पूरे दिन समय-समय पर भगवान विष्णु का स्मरण करेंकामदा एकादशी का व्रत चैत्र शुक्ल पक्ष की ‘दशमी’ से शुरू होता है। इस तिथि को सूर्यास्त से पूर्व एक समय ही भोजन करना चाहिए। उपवास एकादशी के सूर्योदय से लेकर अगले दिन के सूर्योदय तक, यानी द्वादशी तक 24 घंटे की अवधि तक जारी रहता है। अगले दिन ब्राह्मण को भोजन और कुछ ‘दक्षिणा’ देने के बाद व्रत का पारण करें। श्रीविष्णु के वैदिक मंत्रों और भजनों का भी जाप करते हैं। ‘विष्णु सहस्त्रनाम’ जैसे धार्मिक ग्रंथों को पढ़ें और कामदा एकादशी व्रत कथा का श्रवण करें।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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