चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। वह लगातार भारत को घेरने की कोशिश में लगा है। अब अमेरिकी अधिकारियों ने चीन के बारे में बड़ा खुलासा किया है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने अफ्रीकी देश जिबूती में अपना सैन्य अड्डा स्थापित किया है। चीन के इस कदम से हिंद महासागर में भारत के लिए गंभीर चुनौतियां खड़ा होने का खतरा है।
पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016 से चीन जिबूती में सैन्य अड्डे का निर्माण कर रहा था। इस साल यह सैन्य अड्डा संचालित हो गया है। चीन यहां बड़े पैमाने पर एयरक्राफ्ट कैरियर, युद्धक पोत, पनडुब्बियां तैनात करने की तैयारी में है।
सैन्य अड्डे पर देखे गए चीनी जहाज
जिबूती में चीनी सैन्य अड्डे की सैटेलाइट तस्वीरें भी सामने आई हैं। तस्वीरों में युझाओ क्लास लैंडिंग शिप देखा गया था। कहा जाता है कि इस शिप में बड़े पैमाने पर टैंक, ट्रक व अन्य हथियार लगाए जा सकते हैं। यह जहाज जमीनी व हवाई हमलों को नाकाम करने में सक्षम है।
समुद्री ताकत बढ़ा रहा चीन
जानकारों की मानें तो जिबूती में सैन्य अड्डा रणनीतिक तौर पर बेहद खास है। इससे चीन की समुद्री ताकत का विस्तार हिंद महासागर से दक्षिण चीन सागर तक हो जाएगा। इसके साथ ही चीन यहां से दुनिया के सबसे व्यस्ततम जलमार्ग स्वेज नहर पर भी नजर रख सकेगा, जो व्यापारिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है।
19 देशों के साथ चीन ने की थी बैठक
चीन ने इस हफ्ते की शुरुआत में दक्षिण एशिया के सभी देशों सहित हिंद महासागर क्षेत्र के 19 देशों के साथ बैठक की थी। खास बात यह है कि इस बैठक में भारत को आमंत्रित नहीं किया गया था। यह बैठक रणनीतिक समुद्री क्षेत्र और प्रमुख समुद्री व्यापार मार्ग में बीजिंग के बढ़ते प्रभाव का ताजा संकेत है। बैठक में इंडोनेशिया, पाकिस्तान, म्यांमार, श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव, नेपाल, अफगानिस्तान, ईरान, ओमान, दक्षिण अफ्रीका, केन्या, मोजाम्बिक, तंजानिया, सेशेल्स, मेडागास्कर, मॉरीशस, जिबूती और ऑस्ट्रेलिया सहित 19 देशों और तीन अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने इस बैठक में हिस्सा लिया। यह बैठक यून्नान प्रांत के कुनमिंग में साझा विकास समुद्री अर्थव्यवस्था के सिद्धांत पर आधारित हाइब्रिड यानी प्रत्यक्ष-ऑनलाइन तरीके से आयोजित की गई थी।