झारखंड में यूपीए को बड़ा झटका लगा है। राज्य में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के एकमात्र विधायक कमलेश सिंह ने राज्य की हेमंत सोरेन नीत सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की घोषणा की।
झारखंड एनसीपी प्रमुख और अजित पवार के खास कमलेश कुमार सिंह ने कहा, ‘हमारे नेता जब विकास कार्यों के लिए जिले में आते हैं, तो उन्हें तरजीह (महत्व) नहीं दी जाती है। वो लोग भी निराश हैं। वे भी उम्मीद करते हैं कि जब हम समर्थन दे रहे हैं, तो उनकी बात सुनी जाए।’
दुर्भाग्य से किसी भी नेता…
सिंह ने कहा कि दुर्भाग्य से किसी भी नेता को गंभीरता से नहीं लिया गया। मांगों पर कोई पहल नहीं की गई। इसलिए पहले भी कहा था कि हम यूपीए से समर्थन वापस ले लेंगे। उन्होंने आगे कहा, ‘आज हम आपको दुख के साथ बताते हैं कि हम यूपीए से अपना समर्थन वापस ले रहे हैं। हम राज्यपाल को एक पत्र भी भेज रहे हैं कि एनसीपी हेमंत सोरेन सरकार से अपना समर्थन वापस ले रही है।’
हाल ही में दी थी चेतावनी
गौरतलब है, झारखंड में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के एकमात्र विधायक कमलेश सिंह ने हाल ही में हुसैनाबाद को अलग जिला नहीं बनाने पर राज्य की हेमंत सोरेन नीत सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की घोषणा की थी। सिंह ने चेतावनी दी थी कि अगर 31 अक्तूबर तक पलामू जिले के उपमंडल हुसैनाबाद को अलग जिला नहीं बनाया गया तो वह सरकार से अपना समर्थन वापस ले लेंगे।
एनसीपी के भीतर खींचतान के बाद…
महाराष्ट्र में एनसीपी के भीतर खींचतान के बाद, सिंह अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट का हिस्सा बन गए, जो भाजपा के साथ है। वह हालांकि झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा बने रहे, जिसमें झामुमो, राजद और कांग्रेस शामिल हैं। सिंह ने आरोप लगाया था कि सोरेन सरकार के कुशासन से राज्य की जनता भयभीत है।