झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता को लेकर सियासत जारी है। एक सप्ताह दिल्ली दौरे पर आए राज्यपाल रमेश बैंस वापस लौट गए हैं। उनके रांची पहुंचने से पहले भाजपा ने अपना रूख स्पष्ट करते हुए आश्वासन दिया था कि वह जल्द मुख्यमंत्री को लेकर अपना पक्ष रखेंगे।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता समाप्त होने का खतरा मंडरा रहा हैं। दिल्ली आने से पहले रमेश बैंस ने एक सितंबर को सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों को आश्वासन दिया था कि वो लाभ के पद मामले में मुख्यमंत्री की विधानसभा सदस्यता खत्म वाली अनुरोध अर्जी पर निर्वाचन आयोग की सिफारिश पर स्पष्ट करेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्यपाल के रांची लौटने के बाद भी उन्होंने अभी तक कोई आदेश जारी नहीं किया है। जबकि भारत निर्वाचन आयोग 25 अगस्त को ही राज्यपाल को अपना फैसला भेज चुका है। भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से फैसला भेजने के बाद झारखंड में राजनीतिक संकट पैदा हो गया है। हालांकि, अभी तक निर्वाचन आयोग के फैसले की औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। अटकलें लगाई जा रही है कि आयोग ने सीएम को विधायक के तौर पर अयोग्य घोषित करने की सिफारिश की है।