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Monday, May 13, 2024

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत मुश्किल में, सोरेन के फिर से चुनाव लड़ने पर रोक

अवैध खनन पट्टा आवंटित करने के मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मुश्किल में हैं। उनकी विधानसभा सदस्यता पर खतरा मंडरा रहा है। चुनाव आयोग की ओर से राज्यपाल को इस संबंध में अपनी राय भेजने के साथ ही झारखंड में सियासी हलचल बढ़ गई है।

आयोग की सिफारिश गुरुवार को राजभवन पहुंच गई। हालांकि, सोरेन के फिर से चुनाव लड़ने पर रोक नहीं लगाई है। राज्यपाल रमेश बैस सिफारिश के आधार पर शुक्रवार को फैसला ले सकते हैं। उनसे पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वह इलाज के लिए दो दिन से दिल्ली एम्स में थे और बृहस्पतिवार को ही रांची लौटे हैं। आयोग ने 22 अगस्त को सुनवाई पूरी की थी। सीएम सोरेन ने किसी जानकारी से इनकार किया है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, पत्रकारों ने बताया कि सोरेन अपनी सदस्यता खो चुके हैं। भाजपा ने ही शिकायत की थी, इसलिए यह खुशी का क्षण है।

 

झारखंड की कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने कहा कि “हमने (झारखंड कांग्रेस के विधायकों को) झारखंड में हाल के राजनीतिक घटनाक्रमों और अटकलों को ध्यान में रखते हुए सभी विधायकों रांची में उपलब्ध रहने का निर्देश दिया है। हमें (यूपीए विधायकों को) आज सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री आवास पर एक और बैठक के लिए बुलाया गया है। वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा है कि हर हाल में कांग्रेस झामुमो के साथ है। महागठबंधन किसी सूरत में नहीं टूटेगा। कांग्रेस का समर्थन जारी रहेगा।

 

भाजपा नेताओं ने तैयार किया पत्र

हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा नेता और कुछ पत्रकार फैसला कर रहे हैं और पत्र तैयार कर रहे हैं। भाजपा ने सांविधानिक संस्थाओं को कब्जे में लिया हुआ है।

इसलिए फंसे

हेमंत के खिलाफ भाजपा ने राज्यपाल से जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 9ए के उल्लंघन की शिकायत दी थी। इसके अनुसार, कोई जनप्रतिनिधि सरकार के साथ व्यवसाय या व्यापार में शामिल होता है, तो वह अयोग्य घोषित हो सकता है। सोरेन ने सीएम रहते अपने नाम से खनन पट्टा हासिल किया था। उनके पास खनन मंत्रालय भी था। हालांकि, आयोग को शिकायत के बाद पट्टे को रद्द कर दिया गया था।

विधायकी रद्द होने की खबरों के बीच सीएम हेमंत सोरेन ने परोक्ष रूप से केंद्र पर निशाना साधते हुए गुरुवार शाम को ट्वीट किया, “संवैधानिक संस्थानों को तो खरीद लोगे, जनसमर्थन कैसे खरीद पाओगे? झारखंड के हमारे हजारों मेहनती पुलिसकर्मियों का यह स्नेह और यहां की जनता का समर्थन ही मेरी ताकत है। हैं तैयार हम! जय झारखंड

 

anita
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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