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Tuesday, May 21, 2024

गोदरेज एंटरप्राइजेज की कमान जमशेद गोदरेज और स्मिता गोदरेज कृष्णा संभालेंगी

देश के प्रमुख औद्योगिक घराने और 127 साल पुराने गोदरेज समूह का बंटवारा हो गया है। इस बंटवारे के तहत समूह की सूचीबद्ध कंपनियों का स्वामित्व आदि गोदरेज और उनके भाई नादिर को मिलेगा। वहीं समूह की गैर सूचीबद्ध कंपनियां और गोदरेज समूह का भूमि बैंक चचेरे भाई जमशेद और उनकी बहन स्मिता को मिलेगा। गोदरेज समूह साबुन से लेकर घरेलू सामान, रियल एस्टेट तक फैला हुआ है।

इस तरह बंटा गोदरेज समूह
बंटवारे के तहत गोदरेज समूह अब दो हिस्सों में बंट गया है, जिसमें गोदरेज इंडस्ट्रीज की कमान आदि गोदरेज (82 वर्षीय) और उनके भाई नादिर गोदरेज (73 वर्षीय) संभालेंगे। गोदरेज इंडस्ट्रीज में समूह की पांच सूचीबद्ध कंपनियां आती हैं, जिनमें गोदरेज इंडस्ट्रीज, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, गोदरेज प्रोपर्टीज, गोदरेज एग्रोवेट और एस्टेक लाइफ साइंसेज शामिल हैं। इसके चेयरपर्सन नादिर गोदरेज होंगे और इसका नियंत्रण आदि गोदरेज और नादिर के परिवार के पास रहेगा। आदि गोदरेज के बेटे पिरोजशा गोदरेज (42 वर्षीय) गोदरेज इंडस्ट्रीज के कार्यकारी उपाध्यक्ष होंगे। पिरोजशा साल 2026 में नादिर गोदरेज की जगह लेंगे।

वहीं गोदरेज एंटरप्राइजेज की कमान जमशेद गोदरेज (75 वर्षीय) और उनकी बहन स्मिता गोदरेज कृष्णा (74 वर्षीय) संभालेंगी। गोदरेज एंटरप्राइजेज में एयरोस्पेस, एविएशन, सुरक्षा, फर्नीचर और आईटी सॉफ्टवेयर संबंधी कंपनियां शामिल हैं। जमशेद गोदरेज इसके चेयरपर्सन और मैनेजिंग डायरेक्टर होंगे। वहीं उनकी बहन स्मिता की बेटी न्यारिका होल्कर (42 वर्षीय) एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर होंगी। जमेशेद गोदरेज को गोदरेज एंटरप्राइजेज के साथ ही मुंबई में 3400 एकड़ का भूमि बैंक भी मिलेगा। 

जमेशेद गोदरेज को मिली मुंबई की 3400 एकड़ जमीन
बंटवारे के तहत दोनों पक्षों ने विपक्षी खेमे की कंपनियों के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है। आदि और नादिर ने गोदरेज और बॉयस कंपनी के बोर्ड को छोड़ दिया है, वहीं जमशेद गोदरेज ने गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट लिमिटेड और गोदरेज प्रोपर्टीज के बोर्ड को छोड़ दिया है। साथ ही दोनों पक्ष एक दूसरे की कंपनियों से अपने-अपने निवेश भी निकालेंगे। जमशेद और स्मिता को बंटवारे के तहत जो मुंबई में 3400 एकड़ जमीन मिली है। इसमें से तीन हजार एकड़ जमीन मुंबई के विक्रोली में है। इस जमीन की विकसित होने के बाद कीमत करीब एक लाख करोड़ रुपये आंकी जा रही है। इसमें से एक हजार एकड़ जमीन विकसित की जा सकती है बाकि 1750 एकड़ जमीन पर मैनग्रूव के जंगल हैं, जहां कई दुर्लभ पेड़-पौधे और पक्षियां निवास करते हैं। करीब 300 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा हो चुका है। 

आर्देशिर गोदरेज ने रखी थी नींव
वकील से धारावाहिक उद्यमी बने आर्देशिर गोदरेज ने साल 1897 में ताला बनाने के व्यापार शुरू किया और उसमें सफलता पाई। इससे पहले आर्देशिर मेडिकल डिवाइस बनाने के बिजनेस में असफल हो चुके थे। आर्देशिर के बच्चे नहीं थे तो उनका बिजनेस उनके छोटे भाई पिरोजशा को मिला। पिरोजशा के चार बच्चे थे, जिनमें सोहराब, दोसा, बुर्जोर और नवल शामिल थे। समय बीतने के साथ बुर्जोर के बेटों आदि और नादिर, वहीं नवल के बच्चों जमशेद और स्मिता ने परिवार का बिजनेस संभाला। सोहराब के कोई औलाद नहीं थी और दोसा का एक बेटा रिशद था, लेकिन रिशद के भी कोई बच्चा नहीं है। इस तरह पूरा गोदरेज समूह आदि, नादिर, जमशेद और स्मिता और अन्य परिजनों द्वारा संचालित किया जा रहा था। 

अभी आदि गोदरेज संभाल रहे समूह के चेयरमैन का पद
अभी गोदरेज समूह के चेरयमैन आदि गोदरेज हैं, जबकि उनके भाई नादिर गादरेज इंडस्ट्रीज और गोदरेज एग्रोवेट के चेयरमैन हैं। वहीं चचेरे भाई जमशेद गोदरेज एंड बॉयस कंपनी के चेयरमैन हैं। जमशेद की बहन स्मिता और रिशद गोदरेज की भी गोदरेज एंड बॉयस में हिस्सेदारी है। इसी कंपनी के पास विक्रोली स्थित जमीन का मालिकाना हक है। कुछ साल पहले जमशेद ने जमीन के मालिकाना हक के बंटवारे पर निवेश बैंकर निमेश कंपानी और वकील जिया मोदी से सलाह मांगी थी। वहीं कोटक महिंद्रा बैंक के उदय कोटक और लीगल फर्म सिरिल अमरचंद मंगलदास के सिरिल श्रॉफ आदि गोदरेज को सलाह दे रहे थे। संबंधित रेगुलेटरी मंजूरी के बाद ही समूह के पुर्गठन का काम शुरू होगा।  

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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