जम्मू संभाग के डोडा में जिला पुलिस लाइन के पास ग्रेनेड हमला हुआ है। इस हमले में एसओजी का एक जवान घायल हो गया है। घायल जवान को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया है। जवान, पुंछ जिले का निवासी है। उधर, हमलावरों की तलाश में इलाके की घेराबंदी कर अभियान शुरू कर दिया गया है।
गौरतलब है कि डोडा में लोगों ने आतंकवाद का बहुत बुरा दौर देखा है। कई लोगों ने अपनों को इस आग में खोया है। 1999 से 2010 तक बहुत लोगों का बहुत खून बहा। कुल्हाद और चापनाड़ी कांड में आतंकवादियों ने बर्बरता की सारी हदें तोड़ लोगों को मारा था। दहशत के चलते सैकड़ों लोग पलायन को मजबूर हो गए थे। लेकिन साल 2010 में लोगों को एक उम्मीद जगी। इसी साल जिले से आतंकियों का खात्मा कर डोडा को आतंकवाद मुक्त जिला घोषित कर दिया गया था।
हाईब्रिड आतंकियों की मौजूदगी ने सुरक्षाबलों के कान खड़े कर दिए
उधर, कश्मीर में हाईब्रिड आतंकियों की मौजूदगी ने सुरक्षाबलों के कान खड़े कर दिए हैं। सुरक्षाबलों के लिए यह नई चुनौती है। स्लीपर सेल की तरह के ये पार्ट टाइम आतंकी निहत्थों को निशाना बना रहे हैं। घाटी में सुरक्षाबलों का शिकंजा कसने पर पाकिस्तान व आईएसआई ने रणनीति बदलते हुए युवाओं को हाईब्रिड आतंकी बनाना शुरू कर दिया है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि कश्मीर में हाल ही में हुईं नेताओं व पुलिसकर्मियों की हत्याओं में हाईब्रिड आतंकी शामिल थे।
श्रीनगर समेत घाटी में पिछले कुछ सप्ताह में साफ्ट टारगेट को निशाना बनाने की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। ये घटनाएं ऐसे पिस्तौल धारी युवकों से करवाई गई हैं जो सुरक्षा एजेंसियों की सूची में आतंकी के रूप में नहीं हैं। ऐसे आतंकियों को खोजना मुश्किल होता है। सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि हाईब्रिड आतंकियों को हैंडलर्स की ओर से आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए स्टैंडबाय में रखा जाता है। वह दिए गए टास्क को पूरा करने के बाद नए टास्क का इंतजार करते हैं। इस बीच वह अपने सामान्य कामकाज को करने लगते हैं।