✍️ अनिता चौधरी
नई दिल्ली, 2 मई 2025, शुक्रवार। भारत की थल सेना ने पहलगाम हमले के बाद पहली बार ऐलान किया है कि पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारतीय सेना पूरी तरह से कमर कस चुकी है। थल सेना ने यह पुष्टि की कि दक्षिण कश्मीर को सेना ने पूरी तरह से अपने कब्जे में लेकर छावनी में तब्दील कर दिया है। नाम न बताने की शर्त पर सेना के एक अधिकारी ने कहा कि 29 अप्रैल को हुई सुरक्षा सलाहकार समिति की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने पहलगाम के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए आवश्यकतानुसार पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने की पूरी छूट दे दी थी, और इसके बाद सेना पूरी तरह से एक्शन में है।
जहां एक ओर पाकिस्तान की ओर से हो रहे सीमा नियमों के उल्लंघन का भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब दे रही है, वहीं दूसरी ओर सीमा पार पाकिस्तान के आतंकी लॉन्चिंग पैड और ट्रेनिंग सेंटरों को भी नष्ट कर रही है। एक अधिकारी ने बताया कि कश्मीर में अब स्थानीय आतंकी बहुत कम रह गए हैं, और सीमा पार से आए पाकिस्तानी आतंकियों को सेना आए दिन ढेर कर रही है। उन्होंने बताया कि सिर्फ साल 2024 में भारत की सेना ने भारत-पाकिस्तान सीमा के बीच के हिंदरलैंड, या यूं कहें कि विवादित क्षेत्र में, करीब 23 आतंकियों को ढेर किया था, जो पाकिस्तान से घुसपैठ कर रहे थे। इन आतंकियों के पास से पाकिस्तान के पहचान पत्र, अन्य सामान, कारतूस, असलहा, और बारूद भी बरामद किए गए थे। इसी तरह, साल 2024 में ही भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पर 20 पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया था।

भारतीय सेना का कहना है कि जैसे-जैसे कश्मीर में विकास रफ्तार पकड़ रहा है और कश्मीर के लोगों का भारत सरकार पर विश्वास बढ़ रहा है, वैसे-वैसे पाकिस्तान की बौखलाहट बढ़ती जा रही है। कश्मीर को फिर से अस्थिर करने और चल रहे विकास कार्यों को रोकने के लिए पाकिस्तान तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा है। यही नहीं, पाकिस्तान की ओर से भरसक कोशिश की जा रही है कि भारत को पहले हिंदू-मुसलमान में बांटने की कोशिश की जाए और अब वह हिंदू और सिख के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहा है। यहां तक कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने अपने प्रशिक्षित आतंकियों को यह हिदायत दी है कि टारगेट सिर्फ हिंदुओं को करना है, किसी भी सिख समुदाय के लोगों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाना है। यही वजह है कि पहलगाम हमले के बाद जब सभी तरह की आवाजाही पर रोक लगा दी गई, तब सिख समुदाय के लिए गुरुद्वारा श्री गुरु नानक साहिब का रास्ता खुला रखा गया।
फिलहाल, भारतीय सेना ने सुरक्षा के लिहाज से दक्षिण कश्मीर सहित लगभग पूरी घाटी को अपने नियंत्रण में ले लिया है और इस क्षेत्र के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों पर रोक लगा दी है। इस क्षेत्र में आवाजाही फिलहाल पूरी तरह से प्रतिबंधित है। सेना की इस कार्रवाई का एक उद्देश्य यह भी है कि आम जनमानस को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े और इस घेराबंदी से आतंकवादियों को अलग-थलग किया जाए।
अपनी इस रणनीति के साथ ही भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना, आईएसआई, और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों को यह स्पष्ट संदेश दे दिया है कि भारत की सेना संतुलित और माकूल जवाब देने में विश्वास रखती है। जो भी भारत की संप्रभुता के साथ खिलवाड़ करेगा, उसे उसकी सजा भुगतनी पड़ेगी। भारत द्वारा चुने गए समय पर उसे निर्णायक परिणाम भुगतने होंगे।
यही नहीं, सेना के साथ अर्धसैनिक बल भी अपने राष्ट्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मुस्तैद खड़े हैं। 29 अप्रैल को एक सुरक्षा समिति की समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री ने तीनों सेना प्रमुखों को पहलगाम के प्रतिशोध के लिए समय, लक्ष्य, और तरीका चुनने की पूरी स्वतंत्रता दी थी। आतंकियों को भारतीय सेना द्वारा बख्शा नहीं जाएगा। जिस तरह से भारतीय सेना निर्णायक कार्रवाई के लिए तैयार है, उससे साफ नजर आ रहा है कि आने वाला समय पाकिस्तान के लिए ठीक नहीं है। हालांकि, भारतीय सेना नियंत्रण रेखा पर कोई भी कार्रवाई जल्दबाजी में नहीं करेगी।

जैसा कि पहले भी देखा गया है, पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय निंदा और घरेलू दबाव के बावजूद सीमा पर उकसावे और तनाव बढ़ाने का काम लगातार किया है। पूरी तरह से उजागर होने के बावजूद पाकिस्तान आतंकवादी मॉड्यूल और उनके ठिकानों को छिपाने का काम लगातार कर रहा है और उकसावे की कार्रवाई के तहत नियंत्रण रेखा पर रात भर अंधाधुंध फायरिंग कर रहा है, साथ ही संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है। हालांकि, पाकिस्तान की इन कार्रवाइयों का भारतीय सैनिक भी बखूबी जवाब दे रहे हैं, जिससे पाकिस्तान की हताशा और बढ़ गई है।
फिलहाल, घाटी के दक्षिण कश्मीर क्षेत्र में सेना ने जम्मू और कश्मीर में आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ कर दिया है। भारतीय सेना और स्थानीय सुरक्षा बलों ने दक्षिण कश्मीर के कुछ आतंक प्रभावित कमजोर इलाकों पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है। नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना द्वारा प्रतिदिन बिना उकसावे के की जाने वाली गोलीबारी का उचित जवाब दिया जा रहा है। खुफिया जानकारी के आधार पर गहन आतंकवाद विरोधी अभियान सेना द्वारा लगातार चलाए जा रहे हैं। इसके तहत पहलगाम हमले से जुड़े लोगों पर कार्रवाई की गई है और बड़ी संख्या में लोगों को गिरफ्तार किया गया है, साथ ही उनके हथियारों के जखीरे जब्त किए गए हैं।