कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को एक समीक्षा बैठक की। इस दौरान उपराज्यपाल ने अधिकारियों से कहा कि वह विशेषज्ञों और महामारी वैज्ञानिकों से पता लगाएं कि कहीं दिल्ली में कोरोना का नया वायरस स्ट्रेन तो विकसित नहीं हो गया है। यह पता लगने के बाद कोरोना से सख्ती से निपटा जा सकेगा। बैठक में दिल्ली नगर निगम के विशेष अधिकारी, एमसीडी के अध्यक्ष, एमसीडी आयुक्त और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव मौजूद थे।
उपराज्यपाल ने कोरोना संक्रमण की बढ़ती संख्या को देखते हुए अधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि अस्पतालों को इसके लिए तैयार रखने की आवश्यकता है, सुरक्षा के उपायों का गंभीरता से पालन कराना भी जरूरी है। उन्होंने शहर के लोगों से स्वेच्छा से कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करने की भी अपील की है।उपराज्यपाल ने महामारी के खिलाफ सफलतापूर्वक लड़ने के लिए कोविड परीक्षण, इसके उपचार और टीकाकरण की रणनीति पर सरकार को ध्यान केंद्रित रखने के लिए कहा है। उन्होंने अधिकारियों को रिपोर्ट किए जा रहे मामलों की जीनोम अनुक्रमण सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है। ताकि कोविड के किसी भी नए स्वरूप के प्रसार को रोका जा सके।
मौसम अनुकूल नहीं होने के बावजूद मौजूदा समय डेंगू और अन्य वेक्टर जनित बीमारियों के लगातार बढ़ते मामलों पर भी उपराज्यपाल ने चिंता जाहिर की। उन्होंने घरेलू मच्छर प्रजनन चेकर्स (डीबीसी) को नियमित रूप से लोगों के घरों की जांच करते रहने का निर्देश दिया।
इस दौरान एमसीडी ने बताया कि मच्छरों की पैदावार बढ़ाने में मदद कर रहे करीब 6000 से अधिक लोगों पर कानूनी कार्रवाई की गई है। इन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश होना होगा। उपराज्यपाल ने इन मामलों के निपटारे के लिए ई-कोर्ट प्रणाली विकसित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि नागरिकों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। 30 जून तक ई-कोर्ट प्रणाली से इन सभी मामलों की सुनवाई हो जानी चाहिए।