प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात 2.0’ के 24वें संस्करण में राष्ट्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अपनी सरकार की 7वीं वर्षगांठ के मौके पर कहा कि देश इन वर्षों में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र पर चला है। हम सभी ने देश की सेवा में हर क्षण समर्पित भाव से काम किया है।
सरकार के 7 साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने कही ये अहम बातें
पीएम मोदी ने कहा, आज 30 मई को हम ‘मन की बात’ कर रहे हैं और संयोग से ये सरकार के 7 साल पूरे होने का भी समय है। इन सात साल में भारत ने ‘डिजिटल लेन देन’ में दुनिया को नई दिशा दिखाने का काम किया है। आज किसी भी जगह जितनी आसानी से आप चुटकियों में डिजिटल भुगतान कर देते हैं, वो कोरोना के इस समय में भी बहुत उपयोगी साबित हो रहा है।
कुछ भी उपलब्धि रही है, वो देश की रही है, देशवासियों की रही है…
पीएम मोदी ने कहा, इन वर्षों में जो कुछ भी उपलब्धि रही है, वो देश की रही है, देशवासियों की रही है। कितने ही राष्ट्रीय गौरव के क्षण हमने इन वर्षों में साथ मिलकर अनुभव किए हैं। जब हम देखते हैं कि अब भारत दूसरे देशों की सोच और उनके दबाव में नहीं है, अपने संकल्प के चलता है, तो हम सबको गर्व होता है। जब हम देखते हैं कि अब भारत अपने खिलाफ साजिश करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देता है तो हमारा आत्मविश्वास और बढ़ता है। जब भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर समझौता नहीं करता, जब हमारी सेनाओं ती ताकत बढ़ती है, तो हमें लगता है कि हां, हम सही रास्ते पर हैं।
70 साल बाद गांव में पहली बार बिजली पहुंचने पर लोग देते हैं धन्यवाद
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोग धन्यवाद देते हैं कि 70 साल बाद उनके गांव में पहली बार बिजली पहुंची है। कितने ही लोग कहते हैं कि हमारा भी गांव अब पक्की सड़क से, शहर से जुड़ गया है। उन्होंने जनता के बैंक खाता खुलने, ‘जल जीवन मिशन’ और ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के तहत घर मिलने की खुशी का भी जिक्र किया।
21 महीनों में ही साढ़े चार करोड़ घरों को दिए साफ पानी के कनेक्शन
पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद 7 दशकों में हमारे देश के केवल साढ़े तीन करोड़ ग्रामीण घरों में ही पानी के कनेक्शन थे। लेकिन पिछले 21 महीनों में ही साढ़े चार करोड़ घरों को साफ पानी के कनेक्शन दिए गए हैं। इनमें से 15 महीने तो कोरोनाकाल के ही थे। इसी तरह का एक नया विश्वास देश में ‘आयुष्मान योजना’ से भी आया है। जब कोई गरीब मुफ्त इलाज से स्वस्थ होकर घर आता है तो उसे लगता है कि उसे नया जीवन मिला है।
किसान रेल अब तक 2 लाख टन उपज का परिवहन कर चुकी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसान-रेल अब तक लगभग 2 लाख टन उपज का परिवहन कर चुकी है। उन्होंने कहा कि अब किसान बहुत कम कीमत पर फल, सब्जियां, अनाज, देश के दूसरे सुदूर हिस्सों में भेज पा रहे हैं। पीएम ने कहा, आज हमारे देश के किसान कई क्षेत्रों में नई व्यवस्थाओं का लाभ उठाकर कमाल कर रहे हैं। उन्होंने अगरतला के किसानों का जिक्र करते हुए कहा कि ये किसान बहुत अच्छे कटहल की पैदावार करते हैं। इनकी मांग देश-विदेश में हो सकती है, इसलिए इस बार अगरतला के किसानों के कटहल रेल के जरिए गुवाहाटी तक लाये गए। गुवाहाटी से अब ये कटहल लंदन भेजे जा रहे हैं।
बिहार की ‘शाही लीची’ के संबंध में उन्होंने कहा कि 2018 में सरकार ने शाही लीची को जीआई टैग दिया था ताकि इसकी पहचान मजबूत हो और किसानों को अधिक लाभ हो। इस बार बिहार की ये ‘शाही लीची’ भी हवाई-मार्ग से लंदन भेजी गई है। वे आगे जोड़ते हुए बोले, पूरब से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण हमारा देश ऐसे ही अनूठे स्वाद और उत्पादों से भरा पड़ा है। दक्षिण भारत में विजयनगरम से सैकड़ों टन आम भी किसान-रेल से दिल्ली पंहुच रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली और उत्तर भारत के लोगों को विजयनगरम आम खाने को मिलेगा और विजयनगरम के किसानों को अच्छी कमाई होगी।
महिलाओं द्वारा ऑक्सीजन एक्सप्रेस का संचालन देश के लिए गर्व की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना की दूसरी लहर के बीच ऑक्सीजन कमी को दूर करने में भारतीय रेलवे की ऑक्सीजन एक्सप्रेसों का उल्लेख करते हुए कहा कि देश और देश की माताओं-बहनों को यह सुनकर गर्व होगा कि एक ऑक्सीजन एक्सप्रेस तो पूरी तरह महिलाएं ही चला रही हैं।
बताना चाहेंगे, ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने झारखंड से ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ लेकर बेंगलुरु पहुंचने वाली मह…
[13:14, 30/05/2021] Anita Mam: देश के समुद्री तटों की सुरक्षा को और अधिक मजबूती प्रदान करेगा स्वदेशी पहरेदार ‘सजग’
भारतीय तटरक्षक बल को स्वदेशी आईसीजी शिप ‘सजग’ के रूप में एक नया पहरेदार मिला है। यह देश की सुरक्षा को और अधिक मजबूती प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्म निर्भर भारत’ के दृष्टिकोण के अनुरूप निर्मित किए गए भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) अपतटीय गश्ती पोत को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने शनिवार को डिजिटल माध्यम से समुद्री हितों की रक्षा के लिए राष्ट्र को समर्पित किया।
यह पोत पांच अपतटीय गश्ती जहाजों की श्रृंखला में तीसरा
बताना चाहेंगे, यह पोत पांच अपतटीय गश्ती जहाजों की श्रृंखला में तीसरा है, जो प्रधानमंत्री के विजन ‘मेक इन इंडिया’ के अनुरूप ‘आत्मनिर्भर भारत’ का बेहतरीन उदाहरण है। इसे जीएसएल गोवा ने स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया है।
कमीशनिंग समारोह में एन.एस.ए. अजीत डोभाल ने कहा…
कमीशनिंग समारोह में एन.एस.ए. अजीत डोभाल ने कहा कि भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) का गठन किए जाने की पहल 1971 के युद्ध के बाद की गई, जब यह महसूस किया गया कि भूमि सीमाओं की ही तरह समुद्री सीमाएं भी महत्वपूर्ण हैं। बहु आयामी तटरक्षक बल के ढांचे की परिकल्पना दूरदर्शी रुस्तमजी समिति ने की और संयुक्त राष्ट्र में समुद्र के कानूनों के सम्मेलन (यूएनसीएलओएस) में इस पर चर्चा की गई। इसके बाद आईसीजी का गठन 1978 में संसद के एक अधिनियम के माध्यम से किया गया। इस संगठन ने पिछले चार दशकों में एक लंबी यात्रा तय की है।
अत्याधुनिक मशीनरी, नवीनतम प्रौद्योगिकी सेंसर और उपकरणों से लैस यह जहाज
एनएसए अजीत डोभाल ने कहा कि अत्याधुनिक मशीनरी, नवीनतम प्रौद्योगिकी सेंसर और उपकरणों से लैस यह जहाज भारतीय तटरक्षक बल के लिए अब तक के गश्ती जहाजों में से सबसे उन्नत और आधुनिक है। उन्होंने समुद्री सशस्त्र बलों के लिए स्वदेशी रूप से विकसित जहाजों के लिए गोवा शिपयार्ड की सराहना की, जो आईसीजी को हिन्द महासागर क्षेत्र (आईओआर) के भीतर और बाहर कर्तव्यों के विभिन्न चार्टर को पूरा करने में सक्षम बनाएगा। सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ के विजन के अनुरूप निजी यार्ड सहित विभिन्न शिपयार्डों में देश के भीतर आईसीजी के जहाजों का निर्माण किया जा रहा है। एनएसए आईसीजी के गश्ती जहाज ‘सजग’ को देखकर प्रभावित हुए जो कमीशनिंग समारोह के दौरान शानदार दिख रहा था।
तटरक्षक बल लगभग 7,500 किमी. लम्बे भारतीय समुद्र तट की करेगा रक्षा
डोभाल ने तटीय आबादी की सुरक्षा के साथ-साथ चक्रवातों के दौरान बचाव कार्यों, समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया और नार्को विरोधी अभियानों जैसी विविध भूमिकाएं निभाने के लिए तटरक्षक बल की सराहना की। उन्होंने कहा कि हाल ही में आए चक्रवाती तूफानों ताउते और यास के दौरान भारतीय तटरक्षक बल ने समुद्र में बहुमूल्य जीवन बचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने भरोसा जताया कि तटरक्षक बल लगभग 7,500 किमी. लम्बे भारतीय समुद्र तट की रक्षा करेगा। तटरक्षकों की सराहना करते हुए उन्होंने विश्वास जताया कि यह सेवा भारत के समुद्री हितों की रक्षा करने में किसी भी चुनौती के लिए तैयार होगी क्योंकि आने वाले वर्षों में आईसीजी के पास अधिक जिम्मेदारियां होंगी।
आईसीजी दुनिया का चौथा सबसे बड़ा तट रक्षक
आईसीजी के महानिदेशक के. नटराजन ने एनएसए को कोलंबो के पास कंटेनर पोत एक्स-प्रेस पर्ल में लगी आग को बुझाने में भारतीय तटरक्षक के चल रहे अग्निशमन अभियान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लगभग 160 जहाजों और 62 विमानों के साथ आईसीजी दुनिया का चौथा सबसे बड़ा तट रक्षक है। रक्षा मंत्रालय आईसीजी को 200 जहाजों और 100 विमानों के साथ दुनिया के प्रीमियम तट रक्षकों में से एक बनाने के लिए प्रयास कर रहा है। समारोह में रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार और गोवा शिपयार्ड के सीएमडी कमोडोर बीबी नागपाल (सेवानिवृत्त) भी शामिल थे।
स्वदेशी आईसीजी शिप ‘सजग’ की खासियत
यह पोत 40/60 बोफोर्स तोप और एफसीएस के साथ दो 12.7 मिमी एसआरसीजी तोपों से लैस है। जहाज में एक इंटीग्रेटेड ब्रिज सिस्टम, इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम, पावर मैनेजमेंट सिस्टम और हाई पावर एक्सटर्नल फायर फाइटिंग सिस्टम लगाये गए हैं। पूरी तरह भारत में बने इस जहाज को एक जुड़वां इंजन वाले हेलीकॉप्टर और चार उच्च गति वाली नौकाओं को ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें बोर्डिंग ऑपरेशन, खोज और बचाव, कानून प्रवर्तन और समुद्री गश्त के लिए दो हवा से फूलने वाली नावें शामिल हैं। यह जहाज समुद्र में तेल रिसाव रोकने के लिए प्रदूषण प्रतिक्रिया उपकरण ले जाने में भी सक्षम है।
जहाज में दो 9100 किलोवाट डीजल इंजन लगे हैं जिससे जहाज को 26 समुद्री मील की अधिकतम गति से संचालित किया जा सकता है। जहाज को लगभग 2350 टन वजन के साथ किफायती गति से 6000 समुद्री मील की दूरी तक ले जाया सकता है। जहाज में लगे आधुनिक उपकरण और प्रणाली इसे एक कमांड प्लेटफॉर्म की भूमिका निभाने और तटरक्षक चार्टर को पूरा करने में सक्षम बनाती है। तटरक्षक बेड़े में शामिल होने पर आईसीजी शिप ‘सजग’ पोरबंदर पर तैनात होगा। जहाज की कमान उप महानिरीक्षक संजय नेगी को सौंपी गई है और चालक दल में 12 अधिकारियों समेत 99 नौसैनिक होंगे।