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Friday, May 17, 2024

इमरान खान की बढ़ी मुश्किलें, तोशाखाना मामले में इमरान खान और उनकी पत्नी को 14 साल की हुई सजा

पाकिस्तान में आम चुनाव से पहले विपक्षी पार्टी के संस्थापक इमरान खान की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। तोशाखाना मामले में पाकिस्तान की एक अदालत ने उन्हें 14 साल की जेल की सजा सुनाई है। इमरान के साथ उनकी पत्नी को भी 14 साल के कठोर कारावास की सजा दी गई है।

तोशाखाना मामले में रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद इमरान खान की सजा सुनाने के लिए जवाबदेही अदालत के जज मोहम्मद बशीर खुद पहुंचे। फैसले के तहत इमरान खान और बुशरा बीबी पर 10 साल तक के लिए कोई भी सरकारी पद ग्रहण करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा इमरान और बुशरा पर 78-78 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। बुशरा कोर्ट में पेशी के लिए नहीं पहुंचीं।

क्या है तोशाखाना मामला, जिसमें जेल जाएंगे इमरान?

तोशाखाना (राज्य भंडार) मामले में पूर्व पीएम इमरान पर नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगा है। तोशाखाना में विदेशी नेताओं से मिले उपहार रखे जाते हैं। तोशाखाना के नियमों के मुताबिक, सरकारी अधिकारी कीमत का भुगतान करके ही उपहार अपने पास रख सकते हैं। उपहार पहले तोशाखाना में जमा होना चाहिए। इमरान खान और उनकी पत्नी पर आरोप है कि उन्होंने अपनी ताकत का इस्तेमाल करते हुए उपहारों को कम कीमत पर अपने पास रखा। 

यह मामला देश के अन्य तोशाखाना मामलों से अलग है। इसमें इमरान खान को पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने अयोग्य घोषित कर दिया था। बाद में उन्हें राज्य के उपहारों की बिक्री से प्राप्त आय छिपाने के लिए दोषी ठहराया था। इमरान की अयोग्यता को बाद में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था।

गोपनीय दस्तावेज लीक मामले में हो चुकी है 10 साल की सजा
गौरतलब है कि एक दिन पहले पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को गोपनीय सूचना लीक करने के मामले 10-10 साल जेल की सजा सुनाई गई है। दोनों को ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत गठित की गई विशेष अदालत ने गोपनीय सूचना लीक करने का दोषी पाया। इमरान खान (71 वर्षीय) और शाह महमूद कुरैशी (67 वर्षीय) रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं। जेल से ही इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी अदालत की सुनवाई में वर्चुअली शामिल हुए।अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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