प्रयागराज, 14 नवंबर 2024, गुरुवार। राष्ट्रीय रामायण मेले के तीसरे दिन ‘सामाजिक एवं सांस्कृतिक उत्थान में रामायण की भूमिका’ पर चर्चा हुई। महंत रामकमल दास ने कहा कि रामचरित मानस को समाज के मौजूदा दशा के दृष्टिकोण से समझने और व्याख्या करने की जरूरत है।
श्रृंगवेरपुर का महत्व
महंत कमल दास ने श्रृंगवेरपुर के महात्मय को बताया, जहां केवट भी राम के मर्म को जानता है। उन्होंने बताया कि केवट पूर्व जन्म में कछुआ था और भगवान ने उसे आशीर्वाद दिया था कि वह राम के चरणों को छूने का अवसर पाएगा।
श्रीराम काव्य उत्सव
शाम को ‘श्रीराम काव्य उत्सव’ कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी कविताओं से लोगों का मनोरंजन किया। इस अवसर पर कई प्रमुख लोग मौजूद रहे, जिनमें रामायण मेला के अध्यक्ष डॉ बालकृष्ण पांडेय, रमापति त्रिपाठी, सुरेंद्र मिश्रा आदि शामिल थे।