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Sunday, May 12, 2024

ICMR ने कहा-वैक्सीन का दिल के दौरे से कोई संबंध नहीं, 2019 में 1.79 करोड़ लोगों की हार्टअटैक से मौत

कोरोना संक्रमण से दिल की धमनियों में ब्लॉकेज हो सकता है, लेकिन कोरोना रोधी टीका लेने से दिल का दौरा पड़ने की बात सरासर गलत है। यह दावा नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने अध्ययन के बाद किया है।पहली समीक्षा रिपोर्ट की जानकारी रखने वाले वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बीते कुछ समय से सोशल मीडिया पर लगातार हार्ट अटैक के मामले सामने आ रहे हैं। इनके पीछे कोरोना टीकाकरण को जिम्मेदार माना जा रहा है। लेकिन, आईसीएमआर की अप्रकाशित प्रारंभिक रिपोर्ट में टीकाकरण से हार्ट अटैक आने का कोई संबंध नहीं मिला। 

चर्चाओं पर भरोसा न करें
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने बताया कि यह बात चार अलग-अलग चरणों में जुटाए तथ्यों के जरिये साबित हुई है। टीकाकरण, लॉन्ग कोविड और मृतक मरीज की गंभीरता संबंधी सभी दस्तावेजों से तथ्य जुटाए गए हैं। आईसीएमआर के पूर्व संक्रामक रोग विभागाध्यक्ष और इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च के संपादक डॉ. समीरन पांडा ने अध्ययन के प्रकाशन से पूर्व कुछ भी कहने से इनकार करते हुए कहा कि हमारे वैज्ञानिक और उनके तथ्यों पर हमें भरोसा रखना चाहिए। टीकाकरण से जुड़ी भ्रामक सूचनाओं या फिर चर्चाओं पर भरोसा नहीं करना चाहिए।

पोस्टमार्टम में भी सीधा संबंध नहीं मिला
नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने पहचान छिपाने की शर्त पर बताया कि पोस्टमार्टम में भी सीधा संबंध नहीं मिला है। इससे ज्यादा जानकारी देने से उन्होंने इन्कार कर दिया।

220.67 करोड़ लोगों का हो चुका टीकाकरण
कोविन वेबसाइट के अनुसार, भारत में जनवरी 2021 से अब तक 220.67 करोड़ टीकाकरण हुआ है। इसमें पहली खुराक 102.74 करोड़ लोगों ने ली है जबकि उनमें से 95.19 लाख लोगों ने दूसरी खुराक भी हासिल की है। इसके अलावा 22.73 लाख लोग छह महीने पूरे होने के बाद तीसरी यानी एहतियाती खुराक भी ले चुके हैं।

महामारी से पहले 2019 में 1.79 करोड़ थे दिल के मरीज
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि महामारी की शुरुआत 2020 से हुई है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े देखे तो 2019 में 1.79 करोड़ लोगों की मौत कार्डियोवैस्कुलर डिजीज से हुईं, जो वैश्विक मौतों का करीब 32 फीसदी है। इनमें से 85% मौतें दिल का दौरा और स्ट्रोक के कारण हुईं। सीवीडी से होने वाली तीन चौथाई से अधिक मौतें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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