वाराणसी, 28 अप्रैल 2025, सोमवार। वाराणसी का हेमंत पटेल हत्याकांड शहर में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। ज्ञानदीप स्कूल के डायरेक्टर के घर की पार्किंग में 12वीं के छात्र हेमंत पटेल की गोली मारकर हत्या ने न केवल परिजनों को झकझोर दिया, बल्कि पुलिस की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए। इस मामले में अब विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया गया है, जिससे निष्पक्ष जांच और दोषियों को सजा दिलाने की उम्मीद जगी है।
हत्या और उसके बाद का हंगामा
यह दिल दहलाने वाली घटना तब सामने आई, जब बीते 22 अप्रैल को नटिनियादाई (शिवपुर) की खुशहाल कॉलोनी-सेक्टर-ए में अधिवक्ता कैलाश चंद पटेल के पुत्र हेमंत पटेल को गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया। मौके पर मौजूद उसके दो दोस्त उसे तुरंत अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों का गुस्सा तब भड़क उठा, जब पुलिस पर FIR दर्ज करने में देरी और गिरफ्तारी में ढिलाई का आरोप लगा। इंसाफ की मांग में परिजनों ने शव रखकर प्रदर्शन किया, जिसने पूरे शहर का ध्यान इस मामले की ओर खींचा।
पुलिस ने स्कूल प्रबंधक के बेटे यजुवेंद्र सिंह उर्फ रवि, शशांक और किशन को नामजद किया है। लेकिन जांच में कथित लापरवाही ने पुलिस प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया।
पुलिस में फेरबदल, एसआईटी की एंट्री
परिजनों के लगातार दबाव और बढ़ते सियासी हंगामे के बाद पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने सख्त कदम उठाए। गोमती जोन के डीसीपी आकाश पटेल की अगुवाई में एसआईटी का गठन किया गया, जिसमें एडीसीपी नीतू कादयान और एसीपी पिंडरा प्रतीक कुमार शामिल हैं। इस टीम पर निष्पक्ष जांच की बड़ी जिम्मेदारी है।
वहीं, शिवपुर इंस्पेक्टर उदयवीर सिंह को लापरवाही के आरोप में लाइन हाजिर कर दिया गया और उनकी जगह विजय कुमार शुक्ला को नया थाना प्रभारी नियुक्त किया गया। एसीपी कैंट विदुष सक्सेना की भूमिका पर सवाल उठने के बाद उन्हें भी इस मामले से हटा दिया गया।
सियासी तूफान और पुलिस पर आरोप
इस मामले ने सियासी रंग भी ले लिया है। समाजवादी पार्टी ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर तीखा हमला बोला। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने एसीपी कैंट पर गंभीर आरोप लगाए, जिसमें परिजनों पर दबाव डालने की बात शामिल है। इसके अलावा, पुलिस कमिश्नर पर प्रोटोकॉल तोड़ने का भी इल्जाम लगा। इन आरोपों ने मामले को और जटिल बना दिया है।
अब सबकी नजरें एसआईटी पर
हेमंत पटेल हत्याकांड ने वाराणसी में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए हैं। परिजनों का दर्द, सियासी बयानबाजी और पुलिस की कथित नाकामी ने इस मामले को सुर्खियों में ला दिया। अब एसआईटी से उम्मीद है कि वह इस जघन्य अपराध की तह तक जाएगी और दोषियों को जल्द से जल्द सलाखों के पीछे भेजेगी। शहर की जनता और हेमंत के परिजनों की निगाहें इस जांच के नतीजों पर टिकी हैं। क्या सच सामने आएगा और इंसाफ मिलेगा? यह वक्त बताएगा।