देश में कोरोना वायरस महामारी की स्थिति को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बैठक की। इस दौरान मंडाविया ने उन्हें सलाह दी कि कोविड जांच और टीकाकरण का डाटा समय से भेजें। उन्होंने यह भी कहा कि उन राज्यों में कोरोना जांच की संख्या बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए जहां हाल के दिनों में इसमें कमी देखी गई है।
इसके साथ ही बैठक के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि इस समय बड़ी संख्या में लोग घर पर पृथकवास (होम आइसोलेशन) में जा रहे हैं, ऐसे में उनकी निगरानी राष्ट्रीय दिशानिर्देशों के अनुसार की जानी चाहिए। ऐसे मरीजों को समय पर स्वास्थ्य सेवा देने के लिए फोन पर परामर्श व्यवस्था का विस्तार करें। उन्होंने कहा कि ये व्यवस्था गेम चेंजर साबित होगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने मंगलवार को नौ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक में टेलीकंसल्टेशन पर जोर देने को कहा। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में मरीजों की निगरानी राष्ट्रीय कोरोना दिशानिर्देश के मुताबिक ही होनी चाहिए। इस बैठक में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, चंडीगढ़ और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री शामिल हुए।
‘ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन व्यवस्था के 2.6 करोड़ लोगों को मिला लाभ’
मांडविया ने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से इस मॉडल को अपनाने का अनुरोध किया और कहा कि इससे लाभार्थियों को जिले में बैठे विशेषज्ञों से परामर्श मिलने में सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि सरकार की ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन व्यवस्था से 2.6 करोड़ लाभार्थियों को लाभ हुआ। इस व्यवस्था के तहत लोग घर बैठे डॉक्टरों की सलाह ले सकते हैं।
उन्होंने कहा कि टेलीमेडिसिन व्यवस्था का लाभ दूरदराज इलाके खासकर इस सर्दी के मौसम में उत्तर भारत के लोगों को मिलेगा। मंडाविया ने आगे कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि टेलीकंसल्टेशन केंद्र 24 घंटे काम करें। इससे विशेषज्ञों को कम से कम दौरा करना पड़ेगा और लोगों को ब्लॉक स्तर पर ही स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।