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Friday, May 3, 2024

गुल मंजन और तंबाकू से बढ़ रहा खतरा,हृदय की नसों को कर रहे कमजोर

गुल मंजन और तंबाकू हृदय की नसों को कमजोर कर रहे हैं। इन दोनों के सेवन से मरीजों के हृदय इतने कमजोर हो जा रहे हैं कि एंजियोप्लास्टी से लेकर पेस मेकर लगाना पड़ रहा है।

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के हृदय रोग विभाग की ओपीडी में 40 से 45 फीसदी मरीज तंबाकू और गुल मंजन करने वाले आ रहे हैं। चिंता की बात यह है कि इन मरीजों के हृदय सामान्य मरीजों की तुलना में 50 से 60 फीसदी ज्यादा कमजोर हो गए हैं। पूर्वांचल में ऐसे मरीजों की संख्या सबसे अधिक है।

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. कुणाल सिंह ने बताया कि गुल मंजन मीठा और धीमा जहर है। इसे पूर्वांचल के लोग बोल-चाल की भाषा में मंजन कहते हैं। जबकि, यह पिसा हुआ तंबाकू है। इसके इस्तेमाल से हृदय की कोरोनरी कोशिकाएं प्रभावित हो रही है। इसकी वजह से हृदय में रक्त की आपूर्ति कम हो जा रही है। मरीजों को हार्ट अटैक आ रहे हैं। कुछ ऐसा ही हाल तंबाकू सेवन करने वालों का भी है।

इन दोनों के सेवन से हृदय (डाइलेटेड) फैल और सिकुड़ दोनों रहा है, जो हार्ट अटैक का बड़ा कारण बनता जा रहा है। इनमें 10 से 15 फीसदी मरीजों की एंजियोप्लास्टी और पांच से 10 फीसदी मरीजों का पेस मेकर तक लगाना पड़ रहा है। अब तक 100 से अधिक पेसमेकर बदला जा चुका है।

इनमें 25 से 30 फीसदी मरीज ऐसे हैं, जो गुल मंजन के साथ तंबाकू का सेवन करते रहे हैं। पेसमेकर बदलने के बाद उन्हें सख्त हिदायत दी जा रही है कि दोनों का सेवन बंद कर दें। वरना दूसरी या तीसरी बार अगर हार्टअटैक आता है तो जानलेवा हो सकता है।

गुल मंजन वालों को डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी का खतरा सबसे अधिक डॉ. कुणाल सिंह ने बताया कि गुल मंजन से डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी की समस्या तेजी से बढ़ रही है। यह हृदय की मांसपेशियों का एक तरह का रोग है। इसमें हृदय के आकार में असामान्य वृद्धि, मांसपेशियों की दीवारों की मोटाई, बड़े पैमाने पर मांसपेशियों का बढ़ना और सिकुड़न होता है। इससे हृदय की सिकुड़न और पंप करने की शक्ति कम हो जाती है। इसमें मरीज की मौत हो जाती है।

बिहार और पूर्वांचल के लोग ज्यादा इस्तेमाल कर रहे गुल मंजनडॉ. कुणाल सिंह ने बताया कि यह समस्या केवल एक जिले की नहीं है। बल्कि, पूर्वांचल के लगभग हर जिलों की है। ओपीडी में गोरखपुर के अलावा महराजगंज, संतकबीरनगर, बस्ती, देवरिया, कुशीनगर, मऊ, आजमगढ़, बिहार प्रदेश के पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, बगहा, सिवान, छपरा जैसे जिलों के मरीज भी गुल मंजन का सेवन ज्यादा कर रहे हैं। गुल मंजन के साथ ये लोग किसी ने किसी रूप में तंबाकू का भी इस्तेमाल कर रहे हैं।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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