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Friday, May 17, 2024

गोरखपुर सहित 15 जिलों में फ़ूड फारेस्ट विकसित करेगी सरकार

योगी सरकार-02 में “फ़ूड फारेस्ट” के जरिए हरियाली बढ़ाकर पर्यावरण संरक्षण की अभिनव पहल की गई है। इसके लिए सरकार ने अलग कृषि जलवायु क्षेत्रों (एग्रो क्लाइमेटटिक जोन) के 15 जिलों को चिन्हित किया है। इन जिलों में स्थानीय किसानों क़े सहयोग से अगले छह महीने में फ़ूड फारेस्ट विकसित किए जाएंगे
जिले के कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुसार होगा पौधों का चयन जो जिले इसके लिए चिन्हित किए गए हैं उनमें बिजनोर, अमरोहा और सहारनपुर आम की पट्टी के संभल,रामपुर, बदायूं अमरूद पट्टी के हैं। इसी तरह अन्य जिले भी किसी न किसी फलपट्टी में शामिल हैं। ये पार्क इकोफ़्रेंडली होने के साथ खुद में कृषि विविधीकरण की भी मिसाल होंगे।
फूड फारेस्ट में संबंधित क्षेत्र के कृषि जलवायु क्षेत्र (एग्रो क्लामेटिक जोन) के अनुसार पौधों का चयन किया जाएगा।
नाइट्रोजन फिक्सेशन के लिए दलहन की फसलें भी लगाई जाएगी
प्राकृतिक तरीके से नाइट्रोजन फिक्सेशन के लिए फ़ूड फारेस्ट में दलहनी फसलों को भी स्थान दिया जाएगा।
मसलन गोरखपुर में विकसित किए जाने वाले फ़ूड फारेस्ट में पहले चरण में आम, अमरूद, अनार और पपीते के पौध लगाये जाएंगे।
दूसरे चक्र में जामुन, बेर यानी छोटे जंगली फलों के पौधे लगाए जाएंगे। तीसरे चक्र में अरहर, मूंग, उड़द, मटर व चने की बोआई होगी। चौथे चरण में लेमनग्रास, तुलसी, अश्वगंधा जैसे हर्बल प्लांट पार्क लगेंगे।
पांचवें चक्र में गिलोय,अंगूर, दमबूटी आदि बेल प्रजाति रोपित होगी। इसी तरह पौधों का चयन अलग-कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुसार होगा। इसमें लगी दलहनी फसलें प्राकृतिक रूप से नाइट्रोजन स्थिरीकरण (फिक्सेशन) का काम करेंगी। पक्षियों की बीट प्राकृतिक खाद का काम करेगी। फूलों पर आने वाली मधुमक्खियां और तितलियां परागण का काम करेंगी।
दरअसल सरकार का मकसद किसानों की आय बढ़ाना है। धान-गेंहू की परंपरागत खेती की बजाय कृषि विविधीकरण से ही ऐसा संभव है। ये पार्क खुद में इसकी नजीर होंगे। यही नहीं इन पार्कों से प्रसंस्करण इकाइयों के लिए भविष्य में कच्चा माल मिलेगा। फलदार पौधों का रकबे के साथ हरियाली भी बढ़ेगी।

शुरुआती चरण में इन शहरों में बनेंगे फ़ूड पार्क

बुलन्दशहर, सहारनपुर, मेरठ, गाजियाबाद, बिजनोर, अमरोहा, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर, पीलीभीत,गोरखपुर और गौतमबुद्धनगर।
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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