35.6 C
Delhi
Friday, May 17, 2024

सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम एलआईसी के आईपीओ का आकार घटा दिया

सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आईपीओ का आकार घटा दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी सबसे बड़ी वजह शेयर बाजार को स्थिर रखना और विदेशी निवेशकों के घरेलू बाजार से पलायन को रोकना है। इसके अलावा, सरकार पहले जानना चाहती है कि इसका वास्तविक मूल्य क्या होना चाहिए। छोटे इश्यू से यह भी पता चलेगा कि निवेशकों का इसमें कितना रुझान है।

इन वजहों से मर्चेंट बैंकर्स ने एलआईसी का वैल्यूएशन और भाव कम कर दिया है। आईपीओ का भाव 902-949 रुपये तय किया गया है, जिसके पहले 1,800 रुपये पर लाने का अनुमान था। वैल्यूएशन के मोर्चे पर एक लाख करोड़ की जगह अब 21,000 करोड़ जुटाए जाएंगे। इसके साथ ही एलआईसी बाजार पूंजी के लिहाज से इन्फोसिस के बाद 5वीं सबसे बड़ी कंपनी होगी। पहले आरआईएल के बाद दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बनने का अनुमान था।

छोटे आईपीओ से माहौल देखना चाहती है सरकार

 

अर्थशास्त्री डॉ. अरुण कुमार कहते हैं कि शेयर बाजार में निवेश करने वाले कभी भी बाजार से ही पैसा निकाल कर वापस उसमें लगाते हैं। कोई जमा पैसा हर बार बाजार में नहीं लगाता हो।सरकार अगर एक लाख करोड़ रुपये का एलआईसी का आईपीओ लाती तो इसी आधार पर निवेशक भी शेयर बाजार से पैसे निकालकर उसमें लगाते। इससे बाजार में अस्थिरता का माहौल बन जाता।डॉ. कुमार का कहना है कि विदेशी निवेशक इस समय घरेलू बाजार से पैसे निकाल रहे हैं। उनका वापस आना मुश्किल है। रूस-यूक्रेन की वजह से माहौल खराब है। ऐसे में सरकार छोटे आईपीओ के जरिये बाजार का माहौल देखना चाहती है। इसके बाद सरकार दूसरे चरण में इसकी ज्यादा हिस्सेदारी बेच सकती है।

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस कहते हैं कि अनिश्चितता भरे माहौल में आकार को कम कर दिया गया है। हालांकि, सरकार विनिवेश जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार इसी साल या अगले साल एक बार फिर से एफपीओ के जरिये एलआईसी में हिस्सेदारी बेच सकती है। माना जा रहा है कि जब माहौल सुधरेगा तो सरकार एक अच्छी कीमत पर ज्यादा हिस्सेदारी बेचने की योजना बना सकती है।

 

पॉलिसीधारकों को 60 रुपये की छूट

4 मई को आने वाले आईपीओ में पॉलिसीधारकों को 60 रुपये प्रति शेयर की छूट मिल सकती है, जबकि खुदरा निवेशकों और कर्मचारियों को 40 रुपये की छूट मिलने का अनुमान है। कुल 22.1 करोड़ शेयर जारी किए जाएंगे। माना जा रहा है कि आईपीओ 2 मई को एंकर निवेशकों के लिए खुल सकता है। बोलियां 15 शेयरों के लॉट में लगाई जाएंगी।

पिछले साल 28 मार्च को मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमणियन ने कहा था कि सरकार एलआईसी में हिस्सेदारी बेचकर एक लाख करोड़ जुटा सकती है। अब यह 21,000 करोड़ हो गया है। एक साल में यह 80% घट गया है। किसी भी आईपीओ का भाव तय करने में मर्चेंट बैंकर्स की भूमिका होती है। वे निवेशकों से राय लेकर भाव तय करते हैं।

 

शुरू में ही बिगड़ गया मामला

एलआईसी के पूर्व अधिकारी ने बताया, बाजार के खराब माहौल में भी आईपीओ आते हैं और अच्छा रिस्पांस मिलता है। लेकिन, जिस तरह से पहले से ही एलआईसी के वैल्यूएशन और जुटाई जाने वाली रकम को लेकर हल्ला मचाया गया, उससे अब मामला फंस गया है।

 

 

anita
anita
Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles