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Sunday, May 19, 2024

गोरखपुर : अवैध संबंध बनाने वाले शिक्षक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जगह पंचों ने छात्रा से शादी का फैसला सुनाया

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। पिपराइच थाना क्षेत्र के एक गांव में दसवीं की छात्रा से अवैध संबंध बनाने वाले शिक्षक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए पुलिस को सौंपने की जगह गांव के पंचों ने शिक्षक के पक्ष में छात्रा से शादी का फैसला सुना दिया। 

बेटी की उम्र की नाबालिक छात्रा से शिक्षक को निकाह करने का फरमान पंचों ने सुनाया। वह भी तब जब यह पता है कि नाबालिग से शादी करना और कराना भी एक जुर्म है। बेटी की संबंधों की चर्चा और गांव में हो रही बदनामी से पीड़ित परिवार ने तो पंचों का फैसला मान लिया पर शिक्षक के पिता ने प्रॉपर्टी में बंटवारे की आशंका पर अपनी आपत्ती दर्ज करा दी। उन्होंने कहा कि शिक्षक अगर अपनी पहली पत्नी के बच्चों के नाम आधी प्रॉपर्टी की रजिस्टर्ड वसीयत करता है तब ही वह शादी करने देंगे।

जानकारी के मुताबिक, पिपराइच थाना क्षेत्र के एक गांव में मदरसा स्थित है। मदरसे में गांव का ही एक 50 साल का व्यक्ति शिक्षक के तौर पर बच्चों को पढ़ाता है। इसी मदरसे में गांव की एक लड़की दसवीं कक्षा में पढ़ाई कर रही थी। पहले से शादीशुदा व दो बच्चों के पिता शिक्षक ने छात्रा को अपने जाल में फंसा लिया। अपनी बेटी की उम्र की नाबालिग छात्रा से शिक्षक का बीते दो साल से अवैध संबंध चल रहा था। जब इसकी चर्चा पूरे गांव में फैल गई और गांव के लोगों को रहा नहीं गया तो गुरुवार को इस मामले में एक पंचायत बुलाई गई। 
खास बात यह है कि थाना क्षेत्र के अस्थाई पुलिस पिकेट से चंद कदम की दूरी पर ही दोनों पक्ष के लोगों की पंचायत हुई। पंचायत में पंचों ने नाबालिग से शिक्षक की शादी का फरमान सुना दिया। शिक्षक के पिता ने इसका विरोध किया। नाबालिग होने की वजह नहीं बल्कि इस बात से की शादी के बाद छात्रा और उससे होने वाले बच्चों को उनकी सारी प्रॉपर्टी मिल जाएगी। 

उन्होंने पंचों से कहा कि अपने हिस्से की आधी संपत्ति को शिक्षक को अपनी पहली पत्नी के बच्चे के नाम रजिस्टर्ड वसीयत करनी होगी उसके बाद ही वह निकाह की सहमति देंगे। शिक्षक तैयार हो गया और नाबालिग छात्रा से निकाह करने की बात तय होने पर पंचायत खत्म हुई।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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