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Tuesday, April 30, 2024

गोरखनाथ मंदिर पर हमले के दोषी को किस मामले में कितनी मिली सजा,क्यों दी गई फांसी की सजा

गोरखनाथ मंदिर पर हमला करने वाले आतंकी अहमद अब्बास मुर्तजा अब्बासी को एटीएस की विशेष अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। सोमवार को उसकी सजा का एलान हुआ। कोर्ट ने आईपीसी की धारा 121 के तहत इस मामले में दोषी को फांसी की सजा और पुलिस पर हमले के दोष में उम्रकैद की सजा सुनाई। आखिर फांसी की सजा का क्या आधार है? कोर्ट ने किन-किन मामलों में मुर्तजा को क्या सजा दी? आइए समझते हैं…

पहले जानिए पूरा मामला क्या है?पिछले साल अप्रैल में अहमद मुर्तजा अब्बासी नाम के शख्स ने गोरखनाथ मंदिर पर हमला कर दिया था। पुलिस की जांच के अनुसार, दो अप्रैल, 2022 की रात में वह घर छोड़कर सिद्धार्थनगर जिले के अलीगढ़वा चला गया। वहां से सीमा पार करके नेपाल के एक मदरसे में पहुंचा, लेकिन उसे वहां पनाह नहीं मिली। इसलिए दहशत फैलाने के इरादे से वह फिर अलीगढ़वा लौटा। रात गुजारने के बाद तीन अप्रैल, 2022 की शाम को एक दुकान से दो दाव (घटना में इस्तेमाल धारदार हथियार) खरीदा।

इसके बाद गोरखपुर पहुंचा। यहां गोरखनाथ मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार से पहले गाड़ी से उतर गया। योजना के अनुसार सुरक्षाकर्मी गोपाल गौड़ और अनिल पासवान पर हमला कर किया। मजहबी नारे लगाते हुए वह मंदिर के अंदर घुस गया। साइकिल स्टैंड गेट के सामने पुलिसकर्मियों ने उसे दबोच लिया। उसके पास से मोबाइल फोन, लैपटाप बरामद किया गया। जांच में एटीएस को पता चला था कि वह लंबे समय से ISIS के संपर्क में था और उसी के इशारे पर देश में दहशत फैलाने की तैयारी कर रहा था।

मीडिया के सामने खुद को पागल साबित करने की कोशिश कीपकड़े जाने के बाद हमलावर ने मीडिया से बातचीत भी की। तब उसने खुद को मानसिक बीमार बताने की कोशिश की। कोर्ट में भी अहमद के वकील ने इसी तरह के दावे किए, हालांकि उनकी ये दलीलें खारिज हो गईं। अहमद मुर्तजा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि उसकी शादी हुई थी पत्नी छोड़कर जा चुकी है। नौकरी भी छूट गयी है। इसके कारण वह डिप्रेशन में रहता है कई दिनों से सोया नहीं है। वह चाहता है कि कोई उसे गोली से मार दे, जिस कारण उसने पुलिसवालों पर हमला किया था।

तो क्या सिर्फ मंदिर पर हमले की वजह से फांसी की सजा मिली? इसे समझने के लिए हमने सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता चंद्र प्रकाश पांडेय से बात की। उन्होंने कहा, ‘कोर्ट में हमेशा किसी भी घटना के पीछे के उद्देश्य को जानने की कोशिश होती है। उसी उद्देश्य से किसी भी दोषी को सजा सुनाई जाती है। इस मामले में भी ऐसा ही हुआ। मुर्तजा ने मंदिर पर हमला किया ये तो सभी को मालूम है, लेकिन क्यों किया? क्या इसके पीछे कोई साजिश थी? इसमें और लोग शामिल थे? इस तरह के कई सवालों का जवाब पुलिस ने जांच के जरिए मालूम किए।’

पांडेय कहते हैं, ‘पुलिस ने अपनी जांच में ये साबित किया कि मुर्तजा मानसिक बीमार नहीं, बल्कि एक शातिर अपराधी है। उसका उद्देश्य देश में सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने का था। वह मंदिर पर हमला करके एक तरह से गृह युद्ध छेड़ने की कोशिश कर रहा था।’पांडेय के अनुसार, कोर्ट ने ये माना है कि मुर्तजा का उद्देश्य देश में अस्थिरता पैदा करना था। वह आतंकी संगठन ISIS से प्रभावित होकर लोन वुल्फ आक्रमण कर रहा था। ये राष्ट्र की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा था। इसलिए कोर्ट ने दोषी को एक खतरनाक अपराधी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई।

किस मामले में कितनी सजा मिली? एसआईटी की विशेष कोर्ट ने आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी को देश के खिलाफ युद्ध करने के आरोप में मृत्युदंड और 10 हजार रुपये का जुर्माने की सजा सुनाई।

धारा 307 के तहत जानलेवा हमले के मामले में आजीवन कारावास और पांच हजार का जुर्माना।

153 क आईपीसी में धर्म व भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता फैलाने, अमन चैन बिगाड़ने के आरोप में 5 वर्ष का कारावास और 2 हजार रुपये जुर्माना।

186 आईपीसी के तहत लोकसेवक के सार्वजनिक कर्तव्यों के निर्वहन में स्वेच्छापूर्वक बाधा डालने में तीन माह का कारावास।332 आईपीसी में किसी लोकसेवक को उसके कर्तव्यों को करने से रोकने, भयभीत करने व नुकसान या चोट पहुंचाने के आरोप में तीन साल की कैद।333 आईपीसी में ड्यूटी पर तैनात लोकसेवक के जीवन को संकट में डालने के लिए गंभीर रूप से घायल करने के आरोप में तीन साल की सजा और 5 हजार रुपये का जुर्माना।

394 आईपीसी में लूट करने या लूट करने के प्रयास में किसी को चोट पहुंचाने के आरोप में 10 साल की कैद और 5 हजार रुपये का जुर्माना।

4/25 आर्म्स एक्ट में धारदार अवैध हथियार रखने के आरोप में 3 साल की कैद और एक हजार रुपये का जुर्माना।

7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट के आरोप में 3 माह की कैद और एक हजार रुपये का जुर्माना।विधि विरुद्ध क्रिया कलाप निवारण अधिनियम की धारा 16, 20 और 49 में दोषी पाए जाने पर 10-10 वर्ष की कैद और 5-5 हजार रुपये का जुर्माना।

क्या है लोन वुल्फ अटैक, जिसे मुर्तजा ने अंजाम देने की कोशिश की थी? कोर्ट में अभियोजन पक्ष ने मुर्तजा के इस हमले को लोन वुल्फ अटैक बताया। इसी आधार पर कड़ी सजा की मांग भी की थी। एटीएस के वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी ने इस आक्रमण शैली को समझाने के लिए कोर्ट को आईएसआईएस, इराक व सीरिया का भी जिक्र किया।

दरअसल, लोन वुल्फ अटैक आतंक फैलाने का नया तरीका है। इस तरह के हमले में दहशतगर्दों को बड़ी योजना या साधनों की जरूरत नहीं पड़ती। इसमें आतंकी रोजमर्रा की चीजों का हमले के लिए इस्तेमाल करते हैं। इसमें एक अकेला शख्स ही पूरे अटैक को अंजाम देता है। इस हमले में छोटे हथियारों, चाकुओं, आदि इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह के हमलावर का पहले से पता लगाना मुश्किल होता है, क्योंकि हमले के लिए किसी बड़े बजट, बड़ी योजना या बड़ी टीम की जरूरत नहीं होती। आतंकी संगठन आईएसआईएस के आतंकी अक्सर ऐसे हमले करते हैं। लोन वुल्फ हमलावर इंटरनेट या किसी अन्य माध्यम के जरिए आतंकी संगठनों के जुड़े होते हैं।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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