कर चोरी कम होने और बेहतर अनुपालन से जीएसटी संग्रह अगस्त, 2023 में 1.60 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया। वह भी तब, जब कर की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 1,59,069 करोड़ के जीएसटी संग्रह में केंद्रीय जीएसटी का योगदान 28,328 करोड़ रहा। राज्य जीएसटी की 35,794 करोड़ और एकीकृत जीएसटी की 83,251 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी रही। एकीकृत जीएसटी में वस्तुओं के आयात से जुटाए गए 43,550 करोड़ रुपये भी शामिल हैं। कुल जीएसटी संग्रह में उपकर का योगदान 11,695 करोड़ रुपये रहा।
राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को कहा कि सरकार के विभिन्न प्रयासों की वजह से अगस्त में जीएसटी संग्रह में वृद्धि की रफ्तार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मुकाबले बेहतर रही है। जीएसटी संग्रह में 11 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जबकि चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 7.8 फीसदी ही रही। इसका मतलब है कि कर और जीडीपी का अनुपात 1.3 से अधिक है।
त्योहारी सीजन में होगी वृद्धि
केपीएमजी पार्टनर एवं राष्ट्रीय प्रमुख (अप्रत्यक्ष कर) अभिषेक जैन ने कहा, त्योहारी सीजन की शुरुआत होने वाली है। इससे आने वाले महीनों में सरकार को जीएसटी से होने वाली कमाई बेहतर रहने की उम्मीद है।
घरेलू लेनदेन से 14 फीसदी अधिक कर
राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने बताया कि करीब 1.60 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह अब सामान्य हो गया है। पिछले महीने वस्तुओं के आयात से कर के रूप में होने वाली कमाई 3 फीसदी ज्यादा रही, जबकि घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात सहित) से 14 फीसदी ज्यादा कर वसूली हुई।
यूपीआई लेनदेन : 10 अरब से ज्यादा
यूपीआई के जरिये लेनदेन का आंकड़ा अगस्त, 2023 में 10 अरब के पार पहुंच गया। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के आंकड़ों के अनुसार, 30 अगस्त को यूपीआई लेनदेन का आंकड़ा 10.24 अरब हो गया। इन लेनदेन का मूल्य 15,18,456.4 करोड़ रुपये रहा। जुलाई में यूपीआई लेनदेन की संख्या 9.96 अरब थी जबकि जून में यह आंकड़ा 9.33 अरब रहा था।
कोयला उत्पादन: 13 फीसदी बढ़ा
कोल इंडिया लि. ने शुक्रवार को बताया कि अगस्त, 2023 में कोयला उत्पादन सालाना आधार पर 13.2 फीसदी बढ़कर 5.23 करोड़ टन पहुंच गया। इस दौरान कोयला अधिशेष भी बढ़कर 5.9 करोड़ टन पहुंच गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 5.12 करोड़ टन था।