एक तरफ पूरी दुनिया में सोने की मांग बढ़ रही है, जबकि भारत में इसमें 18 फीसदी की गिरावट देखी गई है। इसकी प्रमुख वजह कीमतों में बढ़ोतरी है। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) के मुताबिक, इस साल जनवरी-मार्च के दौरान भारत में सोने की मांग 135.3 टन रही। यह आंकड़ा 2021 की समान अवधि के 165.8 टन से 18 फीसदी कम है।
इस दौरान दुनियाभर में सोने की मांग 34 फीसदी बढ़कर 1,234 टन रही। इसकी प्रमुख वजह गोल्ड ईटीएफ की मांग में मजबूत बढ़ोतरी है। आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान भारत में मूल्य के हिसाब से भी सोने की मांग 12 फीसदी घटकर 61,550 करोड़ रुपये रह गई। 2021 की समान अवधि में भारतीयों ने 69,720 करोड़ रुपये का सोना खरीदा था। इस साल देश में सोने की मांग 800-850 टन रहने का अनुमान है।
डब्ल्यूजीसी के क्षेत्रीय सीईओ सोमसुंदरम ने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव के कारण जनवरी में सोने की कीमतें (बिना टैक्स) 8 फीसदी बढ़कर 45,434 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई थीं। 2021 की समान अवधि में 10 ग्राम सोना 42,045 रुपये रहा था। इस दौरान वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतें 2,070 डॉलर प्रति औंस रहीं।
जनवरी-मार्च में आभूषणों की मांग भी 26 फीसदी कम होकर 94.2 टन रह गई। 2021 की समान तिमाही में लोगों ने 126.5 टन आभूषण खरीदे थे। मूल्य के लिहाज से आभूषणों की मांग 20 फीसदी कम होकर 42,800 करोड़ रुपये
आरबीआई लगातार सोना खरीद रहा है। जनवरी-मार्च के दौरान केंद्रीय बैंक ने आठ टन सोना खरीदा है। 2017 से अब तक इसने 200 टन सोने की खरीदारी की है।
महामारी की अवधि को छोड़कर 2010 से लेकर अब तक सिर्फ तीन बार ही ऐसा हुआ, जब पहली तिमाही में सोने की मांग 100 टन से कम रही है।
हालांकि, निवेश के लिहाज से सोने की मांग 5 फीसदी बढ़कर 41.3 टन रही। भारतीयों ने सोने में 18,750 करोड़ निवेश किया, जो पिछले साल से 13 फीसदी ज्यादा है।