वैश्विक बाजारों में आए उछाल से आज भारतीय बाजारों में सोने और चांदी की वायदा कीमत में तेजी आई। एमसीएक्स पर सोना वायदा 0.7 फीसदी ऊपर 48,003 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया, जबकि चांदी वायदा 1.2 फीसदी बढ़कर 71,940 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। पिछले साल सोना 56,200 रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्च स्तर पर पहुंचा था। पिछले कारोबारी सत्र में सोन में 0.5 फीसदी और चांदी में 0.9 फीसदी का उछाल आया था।
वैश्विक बाजारों में इतनी रही कीमत
डॉलर इंडेक्स 90.370 पर सपाट कारोबार करने से पहले 90.293 पर गिर गया था, जिससे अन्य मुद्रा धारकों के लिए सोना कम महंगा हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हाजिर सोना 0.6 फीसदी बढ़कर 1,852.39 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। जबकि चांदी 0.9 फीसदी बढ़कर 27.66 डॉलर प्रति औंस पर थी। प्लैटिनम 0.3 फीसदी ऊपर 1228.50 डॉलर पर रहा।
अप्रैल में सोने का आयात उछलकर 6.3 अरब डॉलर पर पहुंचा
देश में घरेलू मांग बढ़ने से सोने का आयात अप्रैल में उछलकर 6.3 अरब डॉलर पहुंच गया। सोने के आयात का असर देश के चालू खाते के घाटे पर पड़ता है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार हालांकि आलोच्य महीने में चांदी का आयात 88.53 फीसदी घटकर 1.19 करोड़ डॉलर रहा। आंकड़े के अनुसार सोने का आयात पिछले साल अप्रैल में 28.3 लाख डॉलर (21.61 करोड़ रुपये) था। स्वर्ण आयात बढ़ने से देश का व्यापार घाटा अप्रैल 2021 में 15.1 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल इसी महीने में 6.76 अरब डॉलर था। उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार घरेलू मांग बढ़ने से सोने का आयात बढ़ा है। हालांकि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से आने वाले महीनों में मांग प्रभावित हो सकती है।
सस्ते में सोना खरीदने का मौका
सरकार ने जनता को सस्ती दरों पर सोना खरीदने का मौका दिया है। निवेशक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) योजना के तहत बाजार मूल्य से काफी कम दाम में सोना खरीद सकते हैं। यह योजना सिर्फ पांच दिन के लिए (17 मई से 21 मई तक) खुली है। योजना के तहत आप 4,777 रुपये प्रति ग्राम पर सोना खरीद सकते हैं। यानी अगर आप 10 ग्राम सोने खरीदते है तो उसकी कीमत 47,770 रुपये बैठती है। गोल्ड बॉन्ड की खरीद ऑनलाइन तरीके से की जाती है तो निवेशकों को 50 रुपये प्रति ग्राम की अतिरिक्त छूट मिलेगी। गोल्ड बॉन्ड की परिपक्वता अवधि आठ साल की होती है और इस पर सालाना 2.5 फीसदी का ब्याज मिलता है। बॉन्ड पर मिलने वाला ब्याज निवेशक के टैक्स स्लैब के अनुरूप कर योग्य होता है, लेकिन इस पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) नहीं होती है।