राजस्थान सरकार ने सरकारी नौकरियां देने में राजस्थान को अग्रणी प्रदेश बताया है। दो दिन चले सरकार के चिंतन शिविर में कार्मिक विभाग के प्रेजेंटेशन में बताया गया कि अब तक एक लाख 41 हजार 738 पदों पर नियुक्तियां दी जा चुकी हैं और 30 हजार 944 पदों के परीक्षा परिणाम जारी हो चुके हैं। वहीं, 1919 पदों के लिए इंटरव्यू किए जाने हैं। 9955 पदों के लिए परीक्षाएं करवाई जा चुकी हैं। साथ ही 71024 पदों के लिए विज्ञापन पब्लिश किए जा चुके हैं। जल्द ही 12977 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किए जाएंगे। इसके अलावा 53174 पदों पर भर्ती के लिए अर्जी भेजने की प्रक्रिया जारी है। राज्य सरकार की ओर से अब तक कुल तीन लाख 23 हज़ार 630 पदों पर नियुक्तियां देने का काम किया जा रहा है।
चिंतन शिविर के वर्क प्लान इंप्लीमेंटेशन के लिए एक महीने बाद फिर होगी बैठकचिंतन शिविर के अंतिम सेशन में मुख्यमंत्री ने अपडेटेड सर्विस रूल्स की 51 बुकलेट्स का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि सर्विस रूल्स अपडेट करने से सरकारी कर्मचारियों की भर्ती और प्रमोशन का प्रोसेस बिना विवाद के समय पर हो सकेगा। मुख्य सचिव उषा शर्मा ने बताया कि चिंतन शिविर में 21 घंटे तक 28 विभागों की बजट, जन घोषणाओं, अभियानों और आगामी वर्क प्लान पर विचार-विमर्श किया गया। इससे प्रदेश के लोगों को बेहतर और टाइम बाउंड सेवाएं देने के लिए कार्य योजना बनाई जाएगी। इसके प्रभावी इम्प्लीमेंटेशन के संबंध में एक महीने बाद फिर से बैठक की जाएगी।
आदिवासियों को जारी करें सामुदायिक पट्टेमुख्यमंत्री गहलोत ने जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग (ट्राइबल एरिया डेवलपमेंट डिपार्टमेंट) के प्रेजेंटेशन के बाद कहा कि आदिवासियों को सामुदायिक पट्टे जारी करने में आ रही रुकावट को दूर किया जाए। प्रक्रिया को सरल बनाकर पेंडिंग चल रहे सभी आवेदनों की फिर से जांच कराकर उन्हें राहत दी जाए्, ताकि आदिवासी समाज के लोग अपनी ज़मीन के मालिक बन सकें। प्रस्तुतिकरण में बताया कि 33 बजट घोषणाओं में से 22 पूरी कर ली गई हैं। वहीं 11 प्रगति पर हैं। पांच जन घोषणाओं में से चार पूरी कर ली गई हैं। विभाग की ओर से 50 सोलर एनर्जी आधारित सामुदायिक सिंचाई योजनाएं पूरी कर ली गई हैं।
आदिवासियों के विकास के लिए 100 करोड़ का कोषचिंतन शिविर में बताया गया कि अनुसूचित जनजातियों के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये के विकास कोष का गठन किया है। ट्राइफेड भारत सरकार ने साल 2020-21 में विभाग को वनधन योजना भविष्य के लिए सर्वश्रेष्ठ राज्य श्रेणी में पहला और सर्वाधिक मूल्य वर्धित उत्पादन श्रेणी में राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा पुरस्कार दिया है।
सिलिकोसिस बीमारी की प्रभावी रोकथाम के लिए निर्देशगहलोत ने श्रम विभाग के प्रेजेंटेशन के बाद कहा कि माइनिंग एरिया के मजदूरों में होने वाली सिलिकोसिस बीमारी के मरीजों को तुरंत मदद पहुंचाने के साथ ही इसके कारणों पर प्रभावी रोकथाम के लिए सख्त फैसले लिए जाएं। साथ ही ऐसे खान मालिकों पर कार्रवाई करें, जो सिलिकोसिस नीति में जारी प्रोटोकॉल की पालन नहीं कर रहे, ताकि मरीजों और उनके परिवार के लोगों को राहत मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि निरोगी राजस्थान के सपने में आयुर्वेद की बड़ी भूमिका है। प्रदेश में आयुष नीति जारी करना भी नई पहल है। आयुर्वेद विभाग के प्रेजेंटेशन में बताया गया कि इस साल 66 करोड़ रुपये की औषधियां फ्री बांटी जा चुकी हैं।
हर जिले में लव-कुश वाटिकावन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि कुल 30 बजट घोषणाओं में से 19 पूरी कर ली गई हैं, 11 प्रगति पर हैं। जन घोषणाओं का इम्प्लीमेंटेशन पूरा कर लिया गया है। पिछले सालों में विभाग ने एक लाख नौ हज़ार 817 हेक्टेयर क्षेत्र में प्लांटेशन करवाया है। घर-घर औषधि योजना के तहत गत दो सालों में 6.45 करोड़ औषधीय पौधे बांटे गए हैं। प्रदेश में वनों की प्रोडक्टिविटी बढ़ाने और ईमारती लकड़ी, बांस, लघु वन उपज के उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए राजस्थान राज्य वन विकास निगम का गठन किया गया है। हर जिले में एक-एक लव-कुश वाटिका लगाई जा रही है। जोधपुर, बीकानेर, कोटा, उदयपुर, भरतपुर और अजमेर में बॉटनिकल गार्डन बनाए जा रहे हैं। ई-वेस्ट मैनेजमेंट पॉलिसी तैयार की गई है। जयपुर में ई-वेस्ट री-साइकलिंग पार्क के लिए ज़मीन अलॉटमेंट किया जा चुका है।