वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल वीआर चौधरी का कहना है कि अंतरिक्ष को हथियारबंद करने की शुरुआत हो चुकी है और वह दिन दूर नहीं जब भविष्य की लड़ाईयां जमीन, समुद्र, आसमान के साथ ही साइबर और अंतरिक्ष क्षेत्र में भी लड़ी जाएंगी। हमें भी अपने अहम ठिकानों की सुरक्षा के लिए अंतरिक्ष में अपनी रक्षात्मक और आक्रामक दोनों ताकतों को बढ़ाना होगा। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में हमें मिली शुरुआती सफलता का हमें फायदा उठाना चाहिए और खुद को भविष्य के लिए तैयार करना चाहिए। दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान वायुसेना प्रमुख ये बातें कही।
जानिए क्यों अहम है अंतरिक्ष तकनीक
वायुसेना प्रमुख ने बीते साल भी एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि भविष्य में अंतरिक्ष की ताकत ही विजेता का फैसला करेगी। पिछली सदी में अंतरिक्ष के क्षेत्र में काफी खोज हुई और आज ऐसा समय है कि आधुनिक समाज लगभग पूरी तरह से अंतरिक्ष आधारित तकनीक पर आश्रित हो गया है। हम हर दिन सैटेलाइट आधारित तकनीक का इस्तेमाल अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में करते हैं। जिसमें जीपीएस, टीवी प्रसारण, मोबाइल फोन का इस्तेमाल शामिल है। जीपीएस, हाई स्पीड कम्युनिकेशन और जासूसी के लिए अंतरिक्ष तकनीक का इस्तेमाल अहम सैन्य औजार बन गए हैं। इसके चलते सुरक्षा बलों के लिए भी सैटेलाइट अहम हो गई हैं।
अमेरिका, चीन और रूस बड़े खिलाड़ी
अंतरिक्ष तकनीक के मामले में अमेरिका, रूस और चीन बड़े खिलाड़ी हैं लेकिन फ्रांस, इस्राइल, भारत और ब्रिटेन भी इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। माना जा रहा है कि जमीन पर लड़ी जा रही लड़ाई भविष्य में अंतरिक्ष में भी दिखेगी और देश एक दूसरे की सैटेलाइट को भी निशाना बनाएंगे। कई देशों के पास अंतरिक्ष में सैटेलाइट को तबाह करने की ताकत आ गई है। हालिया यूक्रेन युद्ध में भी रूस ने यूक्रेन के जीपीएस सिग्नल को बाधित कर दिया था।