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Monday, May 6, 2024

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा- अन्याय की स्थिति में देश भर के किसान हरियाणा-पंजाब के किसानों के साथ

किसानों का दिल्ली कूच रोकने के लिए केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच तनातनी जारी है। फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी पर बात नहीं बनने के बाद मंगलवार को किसानों ने दिल्ली मार्च शुरू कर  दिया। बॉर्डर पर हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। पंजाब-हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे हैं। अंबाला के शंभू बॉर्डर पर भारी पुलिस बल तैनात है। न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी वाले कानून की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन के लिए किसान दिल्ली आ रहे हैं। इसी बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने इसे लेकर अपना बयान जारी किया है।

उन्होंने कहा कि यह मार्च (किसान) यूनियन द्वारा बुलाया गया है, लेकिन किसी भी अन्याय की स्थिति में देश भर के किसान हरियाणा-पंजाब के किसानों के साथ हैं। वे अपना पक्ष रखने आ रहे हैं और सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए! उन सभी के मुद्दे एक हैं। कर्ज माफी, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करना और एमएसपी के लिए कानून बनाना। उन्होंने कहा कि हमसे न किसान दूर है, न ही दिल्ली दूर है। किसान यदि अपनी बात कहना चाहते हैं, तो सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए।

नरेश टिकैत बोले- सरकार का अड़ियल रवैया घातक साबित हा रहा है
वहीं किसानों के दिल्ली चलो मार्च के बारे में पत्रकारों के सवाल पर भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि अलग अलग राज्यों के किसानों की अलग-अलग मांगे हैं, लेकिन सवाल है कि क्या किसान हमेशा आंदोलन पर रहेगा या रास्तों को जाम करने, मार्च या दिल्ली कूच पर ही रहेगा? कुछ जिम्मेदारी तो सरकार की भी है, कि क्या दिक्कते हैं?

उन्होंने कहा कि सरकार का जो जिद्दी रवैया है वह  घातक साबित हो रहा है। एक अच्छे शासक की तरह माननीय पीएम मोदी को इस पर ध्यान देना चाहिए। राज्य स्तर पर वार्ता करनी चाहिए। यह अड़ियल रवैया किसी के लिए अच्छा नहीं है।

बता दें कि भारतीय किसान यूनियन की ओर से 16 फरवरी को किसान बंद का आयोजन किया गया है। इस दिन किसान अपने खेतों पर कार्य करने नहीं जाएंगे। मेरठ से भाकियू के जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने इसे लेकर सोमवार को कई गांवों में बैठक की।

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन खत्म होने के समय एमएसपी गारंटी और किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस किए जाने की मांग की गई थी, लेकिन अभी तक मांगों को पूरा नहीं किया गया। अब संगठन की ओर से इसे लेकर 16 को किसान बंद का आयोजन किया जा रहा है। इसके अलावा 14 मार्च को दिल्ली में प्रदर्शन किया जाएगा। 

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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