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Friday, May 17, 2024

फडणवीस आज कर सकते हैं सरकार बनाने का दावा, उद्धव ने सदन का सामना किए बिना सीएम पद से दिया इस्तीफा

शिवसेना विधायकों की बगावत से अल्पमत में आए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार रात इस्तीफा दे दिया। राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने मंगलवार देर रात ठाकरे को बहुमत परीक्षण के निर्देश दिए थे। शिवसेना ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। लेकिन कोर्ट से राहत नहीं मिली, तो उद्धव ने फेसबुक लाइव पर आकर त्यागपत्र की घोषणा कर दी। उद्धव ने विधान परिषद की सदस्यता भी छोड़ दी।

उद्धव ने देर रात राजभवन जाकर कोश्यारी को इस्तीफा सौंप दिया। प्रदेश में दस दिन के सियासी संकट पर फिलहाल विराम के साथ भाजपा और शिवसेना के बागी विधायकों की गठबंधन सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया। दरअसल, बुधवार सुबह से संकेत मिल रहे थे कि आंकड़े में पिछड़ने के कारण उद्धव सदन का सामना नहीं करेंगे। शाम को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बीच अचानक बुलाई कैबिनेट बैठक में उद्धव का संबोधन विदाई भाषण की तरह था।

ढाई साल तक महाविकास आघाड़ी सरकार चलाने में सहयोग के लिए उन्होंने कांग्रेस, एनसीपी समेत मंत्रियों का आभार जताया। कहा, अलग-अलग विचारधारा के बावजूद हमने अच्छी सरकार चलाई। उन्होंने मुख्य सचिव समेत अपने कार्यालय के स्टाफ का भी धन्यवाद किया।

उद्धव ने कहा, ढाई साल के कार्यकाल के दौरान सहयोग के लिए धन्यवाद। मुझसे कोई भूल हुई हो, अपमान हुआ हो, तो क्षमा करें। मेरी पार्टी के लोगों ने ही दगा दिया है, जिससे यह स्थिति पैदा हुई। बैठक के बाद बाहर निकले उद्धव ने मीडियाकर्मियों का हाथ जोड़कर अभिवादन किया। इस दौरान वह भावुक नजर आए।

फडणवीस आज कर सकते हैं दावा
पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस भाजपा सरकार बनाने के लिए बृहस्पतिवार को राज्यपाल के समक्ष दावा कर सकते हैं। 288 सदस्यीय सदन में 106 भाजपा व 38 शिंदे गुट के विधायक हैं। बहुमत का आंकड़ा 144 है। भाजपा को प्रहार जनशक्ति पार्टी समेत 7 निर्दलीय और शिंदे गुट को 12 निर्दलीयों का भी समर्थन हासिल है।
लोकतंत्र के मुद्दों को हल करने के लिए सदन ही एकमात्र माध्यम : सुप्रीम कोर्ट
बहुमत साबित करने के राज्यपाल के निर्देश पर रोक लगवाने पहुंची शिवसेना को राहत देने से इन्कार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, लोकतंत्र के मुद्दों को हल करने के लिए सदन में बहुमत परीक्षण एकमात्र उपाय है।

अब पार्टी बचाना नई चुनौती, जाते-जाते हिंदुुत्व कार्ड : औरंगाबाद अब संभाजी नगर, उस्मानाबाद का नाम धाराशिव
सरकार गंवाने के बाद उद्धव के सामने अब पार्टी बचाने की बड़ी चुनौती है। इसीलिए इस्तीफे से चंद घंटे पहले उन्होंने कैबिनेट बुलाकर औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर व उस्मानाबाद का नाम धाराशिव रखने को मंजूरी दी। बागी विधायकों का उद्धव पर सबसे बड़ा आरोप हिंदुत्व के मुद्दे से हटने का है। शिवसेना संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे ने सबसे पहले औरंगाबाद का नाम बदलने की मांग की थी।
उद्धव की चिंता फेसबुक लाइव पर भी दिखी। उन्होंने दावा किया, मैं जो करता हूं शिवसैनिक, मराठी और हिंदुत्व के लिए करता हूं। शिवसेना ठाकरे परिवार की है और इसे हमसे कोई नहीं छीन सकता। शिवसेना मेरी है, मेरी ही रहेगी।
जैसे आया था…वैसे ही जा रहा हूं
मुझे मुख्यमंत्री पद छोड़ने का कोई दुख नहीं है। मैं आया भी अनपेक्षित रूप से था और जा भी अनपेक्षित रूप से रहा हूं। मतलब…हमेशा के लिए नहीं जा रहा, यहीं रहूंगा और शिवसेना भवन में फिर जाकर बैठूंगा, अपने सभी लोगों को एकत्र करूंगा। -उद्धव ठाकरे

साढ़े तीन घंटे सुप्रीम सुनवाई
मंगलवार देर रात राज्यपाल कोश्यारी ने उद्धव ठाकरे को बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे विधानसभा में बहुमत साबित करने के निर्देश दिए थे। बुधवार सुबह शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु ने राज्यपाल के निर्देश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिका का उल्लेख करते हुए सुनवाई का आग्रह किया। कोर्ट ने शाम पांच बजे सुनवाई तय कर दी। करीब साढ़े तीन घंटे सुनवाई के बाद रात नौ बजे कोर्ट ने बहुमत परीक्षण पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया। हालांकि, याचिका पर नोटिस जारी करते हुए कहा, परीक्षण याचिका के अंतिम निर्णय पर निर्भर होगा।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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