कोरोना के नए वैरिएंट की भयावहता को देखते हुए गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को सलाह दी थी कि आगामी यूपी चुनाव टाल दिए जाएं और चुनावी रैलियों पर बैन लगे। अब चुनाव आयोग ने हाईकोर्ट के सुझाव पर जवाब दिया है।
आयोग ने कहा है, उत्तर प्रदेश में हालात का जायजा लेने अगले हफ्ते आएगी चुनाव आयोग की टीम मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने विधानसभा चुनाव टालने के बारे में कहा है कि हम अगले हफ्ते उत्तर प्रदेश जाएंगे।
हालात का जायजा लेने के बाद उचित फैसला लिया जाएगा। दरअसल, इलाहाबाद हाइकोर्ट ने कोरोना के बढ़ते केस पर चिंता जताई थी। कोर्ट ने चुनाव आयोग से उत्तर प्रदेश में चुनावी रैलियों पर तुरंत रोक लगाने और विधानसभा चुनाव स्थगित करने का अनुरोध किया था।
न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने ओमिक्रॉन के खतरे पर चिंता जताते हुए गुरुवार को प्रधानमंत्री और चुनाव आयुक्त से अनुरोध किया था कि विधानसभा चुनाव में कोरोना की तीसरी लहर से जनता को बचाने के लिए राजनीतिक पार्टियों की चुनावी रैलियों पर रोक लगाई जाए।
उनसे कहा जाए कि चुनाव प्रचार दूरदर्शन और समाचार पत्रों के माध्यम से करें। पार्टियों की चुनावी सभाएं एवं रैलियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। प्रधानमंत्री चुनाव टालने पर भी विचार करें, क्योंकि जान है तो जहान है।
न्यायमूर्ति शेखर कुमार जेल में बंद आरोपी संजय यादव की जमानत पर सुनवाई कर रहे थे। संजय के खिलाफ इलाहाबाद के थाना कैंट में मुकदमा दर्ज है।
उसे गुरुवार को जमानत मिल गई। हाईकोर्ट ने कहा कि संभव हो सके तो फरवरी में होने वाले चुनाव को एक-दो माह के लिए टाल दें, क्योंकि जीवन रहेगा तो चुनावी रैलियां, सभाएं आगे भी होती रहेंगी। जीवन का अधिकार हमें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में भी दिया गया है।
हाईकोर्ट ने कहा था कि दैनिक समाचार पत्र के अनुसार 24 घंटे में 6 हजार नए मामले मिले हैं। 318 लोगों की मौतें हुई हैं। यह समस्या हर दिन बढ़ती जा रही है।
इस महामारी को देखते हुए चीन, नीदरलैंड, आयरलैंड, जर्मनी, स्कॉटलैंड जैसे देशों ने पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन लगा दिया है। ऐसी दशा में महानिबंधक, उच्च न्यायालय इलाहाबाद से कहा है कि वह इस विकट स्थिति से निपटने के लिए नियम बनाएं।