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Tuesday, May 7, 2024

पाकिस्तान में आर्थिक संकट जारी, आईएमएफ की टीम जनवरी अंत तक दौरा करेगी।

पाकिस्तान इन दिनों कठिन दौर गुजर रहा है। आटे की किल्लत के चलते हालात काफी खराब हैं। पूरे देश में महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ रखी है। खाद्य पदार्थ के अलावा पेट्रोल-डीजल, सिलेंडर गैस, फल और सब्जियों के दाम तक सातवें आसमान पर हैं। पाकिस्तान की जनता को राहत मिलती हुई नजर नहीं आ रही हैं। आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की करेंसी में भारी गिरावट देखने को मिली है। उधर, सहायता पैकेज की अगली किश्त जारी करने के लिए आईएमएफ की टीम जनवरी अंत तक पाकिस्तान का दौरा करेगी।

विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावटबता दें कि आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से घट रहा है। गुरुवार को पाकिस्तानी रुपया डॉलर के मुकाबले 9.6 फीसदी गिर गया। एक डॉलर के मुकाबले रुपया 255.4 रुपये पर जाकर रुका। एक्सपर्ट के मुताबिक, पहली बार इतनी बड़ी गिरावट देखने को मिली है।

आईएमएफ की टीम करेगी दौराआईएमएफ की टीम जनवरी अंत तक पाकिस्तान का दौरा करेगी, ताकी सहायता पैकेज की अगली किश्त जारी करने का मार्ग प्रशस्त हो सके। यह घोषण गुरुवार को आईएमएफ ने की। पाकिस्तान ने 2019 में इमरान खान की सरकार के दौरान छह बिलियन अमेरिकी डॉलर के कर्ज के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ करार किया किया था, जिसे पिछले साल बढ़ाकर सात बिलियन अमेरिकी डॉलर कर दिया गया था। कार्यक्रम की नौवीं समीक्षा वर्तमान में आईएमएफ अधिकारियों और सरकार के बीच 1.18 बिलियन अमेरिकी डॉलर जारी करने के लिए बातचीत के साथ लंबित है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, आईएमएफ की टीम 31 जनवरी से 9 फरवरी तक इस्लामाबाद में सहायता पैकेज से जुड़ी अपनी शर्तों के कार्यान्वयन पर अधिकारियों के साथ बातचीत करेगी।पाकिस्तान के लिए आईएमएफ रेजिडेंट प्रतिनिधि एस्तेर पेरेज रुइज ने एक बयान में घोषणा की कि वैश्विक ऋणदाता अपना प्रतिनिधिमंडल भेजेगा। बयान के अनुसार, प्राधिकारियों के अनुरोध पर नौवीं ईएफएफ समीक्षा के तहत चर्चा जारी रखने के लिए 31 जनवरी से 9 फरवरी तक आईएमएफ की टीम इस्लामाबाद का दौरा करेगी।

विदेशी देनदारी के मोर्चे पर बढ़ती जा रही चुनौतियां स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने अपने ताजा मौद्रिक नीति संबंधी दस्तावेज में स्वीकार किया है कि विदेशी देनदारी पूरी करने के मोर्चे पर पाकिस्तान की चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान को इस वित्त वर्ष में 23 बिलियन डॉलर विदेशी कर्जदाताओं को चुकाने हैं। इसमें से वह 15 बिलियन डॉलर की देनदारी पूरी कर चुका है। बाकी आठ बिलियन डॉलर का ऋण उसे चुकाना है। इसके अलावा चालू खाता संबंधी देनदारियां भी हैं। अधिकारियों के मुताबिक इस वित्त वर्ष में पाकिस्तान का चालू खाता घाटा नौ बिलियन डॉलर तक रह सकता है।अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से जल्द कर्ज मिलने की उम्मीद नहीं पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से जल्द कर्ज मिलने की उम्मीद नहीं है। जबकि उसका विदेशी मुद्रा का संकट लगातार गहराता जा रहा है। इस वित्त वर्ष में पाकिस्तान को लगभग आठ बिलियन डॉलर का कर्ज चुकाना है। आईएमएफ साफ करा चुका है कि जब तक पाकिस्तान उनकी शर्तें नहीं मानेगा तब तक 1.6 अरब डॉलर की अगली किश्त जारी नहीं करेगा। बता दें कि पाकिस्तान को आईएमएफ की तरफ से 6 किश्तों में 9 अरब डॉलर रुपये का कर्जा देना था। अभी तक तीन अरब डॉलर की दो किश्तें ही जारी की गई हैं।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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