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Monday, July 7, 2025

द्रौपदी मुर्मू ने पूजा-अर्चना से पहले मंदिर में झाड़ू लगाईं, केंद्र ने Z+ सुरक्षा प्रदान की

केंद्र ने एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को सीआरपीएफ कमांडो की जेड प्लस सुरक्षा प्रदान की है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि सशस्त्र दस्ते ने बुधवार तड़के 64 वर्षीय मुर्मू की सुरक्षा संभाल ली। बता दें कि भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने दिल्ली में पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद सोमवार रात एक संवाददाता सम्मेलन में ओडिशा के पार्टी नेता मुर्मू की उम्मीदवारी की घोषणा की थी।

द्रौपदी मुर्मू ने की पूजा- अर्चना
राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार घोषित होने के एक दिन बाद द्रौपदी मुर्मू ने रायरंगपुर के जगन्नाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। वहीं यहां पूजा करने से पहले मुर्मू ने शिव मंदिर में झाड़ू भी लगाईं।

 

देखें वीडियो- पूजा करतीं द्रौपदी मुर्मू

द्रौपदी मुर्मू का जीवन का सफर संघर्षों से भरा  
राजग की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की आंतरिक मजबूती की खूबसूरत और अद्भुत कहानी हैं। पार्षद के रूप में राजनीतिक सफर शुरू करने वाली द्रौपदी का बतौर अनुसूचित जनजाति वर्ग (एसटी) से देश का पहल और बतौर महिला दूसरा राष्ट्रपति बनना तय है। ओडिशा के बेहद पिछड़े और संथाल बिरादरी से जुड़ी 64 वर्षीय द्रौपदी के जीवन का सफर संघर्षों से भरा रहा है। आर्थिक अभाव के कारण महज स्तानक तक शिक्षा हासिल करने में कामयाब रही द्रौपदी ने पहले शिक्षा को अपना कॅरिअर बनाया। इससे पहले ओडिशा सरकार में अपनी सेवा दी। बाद में राजनीति के लिए भाजपा को चुना और इसी पार्टी की हो कर रह गई। साल 1997 में पार्षद के रूप में उनके राजनीतिक कॅरिअर की शुरुआत हुई।

साल 2000 में पहली बार विधायक और फिर भाजपा-बीजेडी सरकार में दो बार मंत्री बनने का मौका मिला। साल 2015 में उन्हें झारखंड का पहला महिला राज्यपाल बनाया गया। 20 जून को मुर्मू ने अपना जन्मदिन मनाया है। पूर्व राष्ट्रपति वीवी गिरी भी ओडिशा में पैदा हुए थे, लेकिन वह मूलत: आंध्र प्रदेश के रहने वाले थे।

पति-दो बेटों की असामयिक मौत से भी नहीं टूटीं
मुर्मू का जीवन उनके जीवटता को दर्शाती है। जवानी में ही विधवा होने के अलावा दो बेटों की मौत से भी वह नहीं टूटीं। इस दौरान अपनी इकलौती बेटी इतिश्री सहित पूरे परिवार को हौसला देती रहीं। उनकी आंखें तब नम हुईं जब उन्हें झारखंड के राज्यपाल के रूप में शपथ दिलाई जा रही थी।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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