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Friday, May 10, 2024

जिला मजिस्ट्रेट ने संस्कृत में सुनाया फैसला, बोले- भाषा को मिलेगा प्रोत्साहन

हमीरपुर जिले में गैर अनुचित जाति के व्यक्ति को भूमि बेचने की अनुमति देने के मुकदमे में जिला मजिस्ट्रेट डॉ. चंद्र भूषण ने शुक्रवार को संस्कृत में फैसला सुनाया। फैसले की कॉपी चार पेज में लिखी गई है। जिला मजिस्ट्रेट ने संस्कृत से पीएचडी हैं।

गिरवर राठ गांव के अनुसूचित जाति के संतोष कुमार पुत्र करन सिंह की कुम्हरिया गांव में 2.9250 हेक्टेयर कृषि भूमि है। संतोष ने कोर्ट में बताया कि उसके ऊपर सरकारी कर्जा है और बीमारी से भी परेशान है। कर्ज चुकाने और इलाज के लिए वह गैर अनुसूचित जाति के दो लोगों को भूमि बेचना चाहता है।

भूमि का सौदा दो हिस्सों में (0.4050 हेक्टेयर व 0.0930 हेक्टेयर) में करना चाहता है। जिला मजिस्ट्रेट ने मामले की जांच राठ एसडीएम और तहसीलदार से कराई। इसके आधार पर संतोष को गैर अनुसूचित जाति के लोगों को भूमि बेचने की अनुमति दे दी है।

अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा कि यह निर्णय नया इतिहास रचा गया है। जिला मजिस्ट्रेट न्यायालय में इससे पहले कभी भी संस्कृत भाषा में निर्णय पारित नहीं किए गए। ऐसे फैसले से संस्कृत भाषा प्रोत्साहित होगी। हम भी इस भाषा को जानने और समझने का प्रयास करेंगे। आमतौर पर निर्णय हिंदी या अंग्रेजी में पारित किए जाते हैं।

 

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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