बिहार में सरकारी नौकरियों की बहार आने वाली है…यह सुनना हर बिहारी को अच्छा लगता है, लेकिन इस बहार के आने में लगने वाला समय युवाओं को बेकरार करता है। राज्य के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने 28 फरवरी को बिहार विधानसभा में बजट के दौरान पुलिस में 75,543 पदों पर बहाली के बारे में बताया। बजट उद्घोषणा से पहले 20 दिसंबर 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल ने इन 75,543 पदों की स्वीकृति की घोषणा की थी। बजट उद्घोषणा वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए है, इसलिए उम्मीद की जा सकती है कि सरकार इसी कालावधि में नियुक्तियां करेगी।
तेजी से नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री ने की थी ताकीदबजट में उद्घोषणा से दो दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 26 फरवरी को बिहार पुलिस दिवस में मुख्य सचिव से पूछा था कि “हमसे सिर्फ डिसीजन ही कराइएगा कि नियुक्ति भी कीजिएगा!” मुख्यमंत्री ने 2022 में उनसे अनुमति लिए जाने की बात कही थी। वह बता भी रहे थे कि बिहार पुलिस में नियुक्तियों की गति पहले ठीक थी, लेकिन फिर उनसे अनुमति लेने के बावजूद नियुक्तियां तेज गति से नहीं की गईं। मुख्यमंत्री ने कहा था कि 2.20 लाख की जगह 1.07 लाख कार्यरत हैं, मतलब पुलिस बहाली में 1.13 लाख पदों पर नियुक्ति की दरकार है। ऐसे में बजट में जिन 75,543 पदों पर बहाली की उद्घोषणा की गई है, उसे पुराना मानते हुए यह भी उम्मीद की जानी चाहिए कि मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश के मद्देनजर अगली दो-तीन मंत्रिमंडल बैठकों में पदों के बढ़ाए जाने की भी स्वीकृति और घोषणा हो।
छात्र इस बार भी आश्वासन मान रहे, भरोसा कम हैबिहार पुलिस दिवस पर मुख्यमंत्री का कड़ा रुख और उसके बाद बजट में इन पदों की उद्घोषणा के बावजूद छात्रों में उत्साह अभी नहीं है। ‘अमर उजाला’ ने राज्य के सभी 38 जिलों में परीक्षा की तैयारी कर रहे दो-दो दारोगा अभ्यर्थियों से बात की। अभ्यर्थियों ने कहा कि इन पदों पर बहाली की घोषणा मुख्यमंत्री 2022 में भी कर चुके थे, फिर उसी साल कैबिनेट ने भी स्वीकृति दी। जब-जब ऐसा कुछ हुआ, भरोसा जगा लेकिन फिर नाराशा भी हुई। चार साल से दारोगा बनने की तैयारी कर रहे भोजपुर के अभिमन्यु कुमार ने कहा कि बार-बार आश्वासन मिलता है। सरकार ठोस कदम उठाए तो भरोसा हो। सीवान के आदित्य कुमार दो साल से तैयारी के साथ इंतजार कर रहे हैं। कहते हैं- “अब बस वैकेंसी आए, परीक्षा लेकर नियुक्ति हो।” भागलपुर के शुभम कुमार झा का भी कहना है कि “इंतजार करते हुए समय गुजर रहा, भरोसा तो अब परीक्षा होने के बाद ही होगा।” सीवान की अनामिका कुमारी 3 साल से दरोगा परीक्षा की तैयारी कर रही हैं। वह कहती हैं- “सरकार केवल घोषणा कर रही, अब तक अधिसूचना जारी नहीं कर रही है।” बेतिया के कुमारबाग की जूही तिवारी तीन साल से इसी इंतजार में हैं। वह कहती हैं कि “इंतजार करते-करते कई बार उम्मीद जगी है। इस बार भी उम्मीद है, भरोसा नहीं हो रहा है।” प्रीतम सिंह पिछले दो साल से दरोगा की तैयारी कर रहे हैं। वह कह रहे- “सरकार ने अलग-अलग स्तर पर पहले भी कई बार आश्वासन दिया, लेकिन अभी तक सरकार की बात सच्चाई में नहीं बदली है।”
75,543 पद: कैसी नियुक्तियां, कब विज्ञापन की उम्मीदगृह विभाग के तहत यह नियुक्तियां की जानी हैं। इनमें 48,447 पद बिहार पुलिस में सीधी नियुक्ति के हैं। इसके अलावा, 7,808 पदों का सृजन इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम (112) के पहले और 19,288 पदों का सृजन दूसरे चरण के नाम पर किए जाने की स्वीकृति कैबिनेट ने दी थी। इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम में विभिन्न तरह के पद भरे जाने हैं, मतलब पुलिस संवर्ग भी और गैर-पुलिस संवर्ग भी। गुरु रहमान कहते हैं- “मैं 1994 से मैं दारोगा अभ्यर्थियों को पढ़ा रहा हूं। उस समय के बाद 2004, 2008, 2014, 2017 में वैकेंसी आई। अब लंबे इंतजार के बाद सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार यह नियुक्तियां तो की ही जानी हैं। सरकार ने बजट में इसकी उद्घोषणा की है और यह बहाली हर हाल में आएगी। अभी से पढ़ना शुरू कर दें। अभी से NCERT किताब के साथ करेंट अफेयर्स का गहन अध्ययन करें।” रमांशु सर दो कदम आगे भरोसा जता रहे हैं कि “इस महीने के अंत तक ही यह वैकेंसी आ जाएगी। लोकसभा चुनाव को देखते हुए सरकार जल्द परीक्षा भी लेगी। GK-GS और करेंट अफेयर्स पर ज्यादा फोकस करें। बिहार स्पेशल पर भी फोकस करें। समय कम मिलेगा, इसलिए तन-मन लगाकर तैयारी करें।”