राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वर्चुअली रूप से अत्याधुनिक बॉयोलॉजिकल सेफ्टी लैब का शिलान्यास किया। इस दौरान भोपाल में मौके पर सीएम शिवराज सिंह चौहान, राज्यपाल मंगू भाई पटेल और डीआरडीओ के महानिदेशक डॉ यूके सिंह मौजूद रहे। यह रक्षा अनुसंधान एवं विकास स्थापना की महत्वपूर्ण लैब महाराष्ट्र में स्थित BSL-4 तैयार की जा रही है।
यह देश की दूसरी और रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत पहली प्रयोगशाला होगी। इस लैब में खतरनाक सूक्ष्म जीवों पर अनुसंधान कार्य और भविष्य में होने वाली आपदाओं के बारे में पता लगाने का कार्य किया जाएगा। बताया जा रहा है कि यह लैब साल 2026 तक बनकर तैयार हो जाएगी। इस लैब से ग्वालियर का नाम पूरी दुनिया में रोशन होगा।
DRDO की BSL-4 लैब की सुरक्षा को लेकर काफी चाक-चौबंद व्यवस्था रहेगी। इसकी सुरक्षा तीन लेयर में होगी। क्योंकि इस लैब में जिन सूक्ष्म जीवों का अनुसंधान होगा, वह बहुत ही खतरनाक होगी। किसी तरह वहां से कोई वायरस बाहर निकला तो यह हवा के साथ कोहराम मचा सकता है।
लैब की सुरक्षा के लिए 140 एकड़ परिसर में लगभग 500 मीटर की दूरी पर वॉच टावर का निर्माण किया जाएगा और लगभग इसमें 100 से अधिक वॉच टावर लगाई जाएंगे। वहीं इन टावरों पर सशस्त्र बल के जवान अत्याधुनिक हथियारों के साथ लैब की सुरक्षा के लिए 24 घंटे निगरानी करेंगे।
आधुनिक सुविधाओं सै लैश होगी लैब…
बताया जा रहा है कि लैब अमेरिका, रूस और चीन के समान होगी। ऐसी आधुनिक सुविधाओं वाली लैब अभी भारत में कहीं नहीं है। अभी देश में पुणे स्थित बॉयोलॉजिकल लैब ही सबसे आधुनिक है, लेकिन इस लैब में उपकरण काफी पुराने हैं। ग्वालियर की नई लैब में अत्याधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे और वैज्ञानिक साथी विशेष अनुसंधान करने वाले अधिकारी सुरक्षित सूट पहनकर ही प्रवेश कर सकेंगे। लैब में हवा और प्रकाश का भी प्रवेश नहीं होगा।