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Saturday, March 15, 2025

उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने पुनरुद्धार का दिया, आश्वासन बिहार में थारू और सुरजापुरी भाषा विलुप्त होने के कगार पर

बिहार में बोली जाने वाली दो बोलियां- थारू और सुरजापुरी विलुप्त होने के संकट का सामना कर रही हैं। विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि यदि इन्हें पुनर्जीवित करने के लिए कदम नहीं उठाए गए, तो ये दोनों भाषाएं भोजपुरी, मैथिली, हिंदी और बांग्ला में घुल-मिल जाएंगी।

थारू पश्चिमी और पूर्वी चंपारण जिलों में बोली जाती है
थारू भाषा भोजपुरी और मैथिली के मेल से बनी है और यह थारू समुदाय द्वारा मुख्य रूप से पश्चिमी और पूर्वी चंपारण जिलों में बोली जाती है। सुरजापुरी भाषा बांग्ला, मैथिली और हिंदी के मेल से बनी है और इसको बोलने वाले मुख्य रूप से राज्य के किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया और अररिया जिलों में हैं।

बिहार के उपमुख्यमंत्री और कटिहार से चार बार विधायक रहे तारकिशोर प्रसाद ने कहा, ‘‘मेरे निर्वाचन क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में सुरजापुरी भाषा बोली जाती है। लेकिन यह सच है कि इस भाषा में अब विविधता देखी जा रही है। जो लोग पहले सुरजापुरी भाषा बोलते थे, अब बांग्ला, मैथिली और हिंदी में बातचीत करना पसंद कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि वह निश्चित रूप से इस मामले को देखेंगे और अधिकारियों से कहेंगे कि वे इस भाषा के पुनरुद्धार के तरीकों का पता लगाएं। इस भाषा को ‘किशनगंजिया’ नाम से भी जाना जाता है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि थारू भाषा भी विलुप्त होने के कगार पर है।

इसी तरह की राय व्यक्त करते हुए राज्य सरकार की बिहार हेरिटेज डेवलपमेंट सोसाइटी (बीएचडीएस) के कार्यकारी निदेशक बिजॉय कुमार चौधरी ने कहा कि अगर इन दो भाषाओं को पुनर्जीवित नहीं किया गया तो, ये दोनों भाषाएं गायब हो जाएंगी। क्योंकि लोग भोजपुरी, मैथिली, हिंदी और बांग्ला जैसी अन्य प्रमुख भाषाओं को बोलना पसंद करते हैं।

चौधरी ने कहा कि बीएचडीएस ने क्षेत्र में जाकर गहन और विस्तृत जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है। उन्होंने कहा कि थारू भाषा विलुप्त होने के कगार पर है, जबकि सुरजापुरी में विविधताएं देखी जा रही हैं।

राज्य सरकार के कला, संस्कृति और युवा विभाग की एक शाखा के रूप में कार्यरत बीएचडीएस बिहार की मूर्त और अमूर्त विरासत के संरक्षण और प्रचार के लिए काम करती है। बिहार में संबंधित अधिकारियों के पास थारू भाषा बोलने वाले लोगों की कुल संख्या का आंकड़ा नहीं है।

समुदाय के रूप में थारू लोग उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार में स्थित हिमालय की तलहटी और नेपाल के दक्षिणी वन क्षेत्रों में रहते हैं। सुरजापुरी भाषा बोलने वालों का एक बड़ा हिस्सा पूर्णिया जिले के ठाकुरगंज प्रखंड से सटे नेपाल के झापा जिले में रहता है। 2011 की जनगणना के अनुसार बिहार में सुरजापुरी भाषा बोलने वालों की कुल संख्या 18,57,930 है।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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