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Sunday, May 19, 2024

पेगासस मामले में एसआईटी जांच की मांग ,सांसद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की

पेगासस कथित जासूसी विवाद को लेकर देश में सियासी बवाल मचा हुआ है। इस्राइली स्पाईवेयर पेगासस के जरिये कार्यकर्ताओं, नेताओं, पत्रकारों और संवैधानिक पदाधिकारियों की कथित जासूसी की बात सामने आने के बाद से विपक्ष सरकार पर हमलावर है। मानसूत्र सत्र में भी इस मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा हो रहा है। वहीं अब पेगासस मामले की एसआईटी जांच की मांग को लेकर राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता मोहन लाल शर्मा भी एसआईटी जांच की मांग को लेकर याचिका दायर कर चुके हैं।  

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता और राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास ने इस्राइली स्पाईवेयर पेगासस के जरिये कार्यकर्ताओं, नेताओं, पत्रकारों और संवैधानिक पदाधिकारियों की कथित जासूसी के संबंध में अदालत की निगरानी में जांच कराने का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करने वाले माकपा नेता ब्रिटास ने कहा कि हाल में जासूसी के आरोपों ने भारत में लोगों के एक बड़े वर्ग के बीच चिंता पैदा कर दी है और जासूसी का अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गहरा असर पड़ेगा। उन्होंने पेगासस स्पाईवेयर के जरिये जासूसी करने के आरोपों के संबंध में अदालत की निगरानी में जांच कराए जाने का अनुरोध किया है।

ब्रिटास का आरोप- गंभीरत से नहीं ले रही सरकार
ब्रिटास ने रविवार को एक बयान में कहा कि बहुत गंभीर प्रकृति के बावजूद केंद्र सरकार ने इस मुद्दे को लेकर आरोपों की जांच कराने संबंधी परवाह नहीं की है। इसलिए, इस संबंध में संसद में प्रश्न उठाए गए थे, लेकिन सरकार ने स्पाईवेयर द्वारा जासूसी से न तो इनकार किया और न ही स्वीकार किया है।

ब्रिटास ने रविवार को यह भी दावा किया कि आरोपों से दो निष्कर्ष निकलते हैं, या तो जासूसी सरकार द्वारा या फिर किसी विदेशी द्वारा जासूसी की गई। उन्होंने कहा कि यदि यह सरकार द्वारा किया गया तो यह अनधिकृत तरीके से किया गया। यदि किसी विदेशी एजेंसी द्वारा जासूसी की गई है तो यह बाहरी हस्तक्षेप का मामला है और इससे गंभीरता से निपटने की आवश्यकता है।
संसद में सरकार ने दिया था यह जवाब
पेगासस विवाद पर सरकार ने कहा था कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है, तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में कहा था कि संसद के मॉनसून सत्र के एक दिन पहले रिपोर्ट का आना संयोग नहीं है।

वैष्णव ने कहा था कि अतीत में व्हाट्सऐप पर पेगासस के इस्तेमाल करने का दावा सामने आया। इन खबरों का तथ्यात्मक आधार नहीं है और सभी पक्षों ने इससे इनकार किया है। हालांकि मंत्री ने यह स्पष्ट नहीं किया कि सरकार ने पेगासस स्पाईवेयर का इस्तेमाल किया या नहीं।

क्या है मामला?
 हाल ही में मीडिया में आईं खबरों में दावा किया गया था कि पेगासस स्पाईवेयर का इस्तेमाल मंत्रियों, नेताओं, सरकारी अधिकारियों और पत्रकारों समेत करीब 300 भारतीयों की निगरानी करने के लिए किया गया। इससे देश में एक बड़ा राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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