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Monday, May 20, 2024

शिक्षकों को वेतन भी नहीं दे पा रहे दिल्ली सरकार के कॉलेज, वेतन में कटौती का निर्देश

दिल्ली सरकार के कॉलेजों ने पैसों की कमी के चलते एसोसिएट प्रोफेसरों और असिस्टेंट प्रोफेसरों के वेतन में भारी कटौती करने का निर्देश जारी किया है। दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज प्रशासन के द्वारा प्रोफेसरों को भेजे गए संदेश में कहा गया है कि कॉलेज प्रशासन के पास पैसों की कमी है, लिहाजा एसोसिएट प्रोफेसरों के वेतन में 50 हजार रुपये और असिस्टेंट प्रोफेसरों के वेतन में 30 हजार रुपये की कटौती की जा रही है। कॉलेजों ने कहा है कि जब उनके पास पर्याप्त फंड उपलब्ध होगा, वेतन का इस समय काटा जा रहा पैसा उन्हें वापस दे दिया जाएगा। लेकिन यह कब तक दिया जाएगा, इस पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। प्रोफेसरों का कहना है कि त्योहारी सीजन में वेतन कटौती से उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो रही है। वहीं, दिल्ली सरकार की तरफ से इस समाचार पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

शिक्षक संघ डूटा ने कहा

प्रो. एके भागी ने अमर उजाला को बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा शत प्रतिशत वित्तपोषित दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेज पिछले कई वर्षों से अपर्याप्त ग्रांट और अनियमित वेतन की समस्या से त्रस्त हैं। प्रोफेसरों को त्योहारों के सीजन में भी वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है जिससे उन्हें अपना घर चलाने में भी समस्या आ रही है। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार से समुचित ग्रांट ना मिलने के चलते इन 12 कॉलेजों के शिक्षकों एवं अन्य कर्मचारियों की सैलरी, 7वें वेतन आयोग का एरियर, प्रमोशन का एरियर, मेडिकल बिल का भुगतान नहीं हो पा रहा है। चिल्ड्रन एजुकेशन अलाउंस का पैसा भी पिछले दो वर्षों से अटका हुआ है। साथ ही 16 कॉलेजों की भी पांच फीसदी ग्रांट दिल्ली सरकार ने अभी तक भी जारी नही की हैं।

उपराज्यपाल से मिलकर हस्तक्षेप की मांग

डूटा अध्यक्ष प्रो. एके भागी ने बताया कि दिल्ली सरकार के इस बर्ताव से झुब्ध दिल्ली सरकार के कॉलेजों के शिक्षकों ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से 16 जुलाई को मिलकर इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। लेकिन इस मुलाकात के बाद भी कॉलेज प्रशासन ने वेतन जारी नहीं किया है। कॉलेजों और दिल्ली सरकार का इस मामले में रवैया बेहद गैर जिम्मेदाराना है।

भागी ने बताया कि उपराज्यपाल की दखल के बाद दिल्ली सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने जो पत्र जारी किया, वो भ्रमित करने वाला था। पत्र में दिल्ली सरकार ने ग्रांट की दो किस्तें जारी करने की बात कही गई है, जबकि कॉलेजों को मिला ग्रांट सैलरी के लिए भी पर्याप्त नहीं है। कई कॉलेजों में पिछले दो से तीन महीने की सैलरी का भुगतान नहीं हो पाया है।

प्रचार के पैसे हैं तो वेतन के क्यों नहीं- भाजपा

दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने अमर उजाला से कहा कि यह देखना बेहद शर्मनाक है कि एक तरफ अरविंद केजरीवाल अपनी छवि चमकाने के लिए प्रचार में हजारों करोड़ रुपये खर्च करते हैं, वहीं दिल्ली सरकार अपने शिक्षकों को वेतन देने के लिए पैसे भी नहीं दे पा रही है। इसके पहले इसी प्रकार का एक मामला पंजाब में भी सामने आया है, जहां सरकार अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी पैसे का जुगाड़ नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि इससे आम आदमी पार्टी की मुफ्त घोषणाओं की सच्चाई लोगों के सामने आ गई है।

बग्गा ने कहा कि इससे आम आदमी पार्टी की शिक्षा म़ॉडल की कलई भी खुल गई है। देश देख रहा है कि किस प्रकार दिल्ली को सबसे बेहतर शिक्षा देने की बात करने वाले आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया शराब घोटाला करके हजारों करोड़ रुपये की काली कमाई कर रहे हैं, कक्षाओं के निर्माण के नाम पर टॉयलेट्स बनवाकर काली कमाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के कॉलेजों में शिक्षकों को वेतन न दे पाने का मामला तत्काल संज्ञान में लेना चाहिए और इसका समाधान करना चाहिए।

 

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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