दिल्ली के कलावती अस्पताल में जुड़वां बच्चों की मौत के बाद डॉक्टरों से मारपीट हुई। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) ने सोशल मीडिया के जरिए देर रात घटना का विरोध जताया और इस मामले में तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की।
जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के अधीन कलावती अस्पताल में एक परिवार अपने पांच माह के जुड़वां बच्चों को लेकर आपातकालीन वार्ड पहुंचे। यहां कुछ देर बाद बच्चों को वार्ड दो में शिफ्ट कर दिया लेकिन परिजनों का आरोप है कि वार्ड में बच्चों की गलत इलाज और इंजेक्शन लगाने से मौत हो गई। इनमें से एक बच्चे की मौत बीते मंगलवार रात को हुई। जबकि दूसरे बच्चे ने बुधवार रात करीब नौ बजे दम तोड़ दिया। आरोप है कि मौत से पहले बच्चे को एक इंजेक्शन लगाया गया था जिसकी जानकारी डॉक्टर उनसे छिपा रहे हैं। देर रात तक परिजनों की पहचान के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई। लेकिन, अस्पताल के कर्मचारियों का कहना है कि घटना से नाराज परिजनों ने चीख पुकार मचाना शुरू कर दिया था।
देखते ही देखते यह हंगामा मारपीट में बदल गया। रात करीब नौ बजकर 20 मिनट पर अस्पताल प्रबंधन को सूचना मिली कि इस घटना में एक वरिष्ठ डॉक्टर और एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर को काफी चोटें आई हैं। उन्हें अस्पताल के ही आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया गया है।
परिजनों का आरोप है कि वार्ड में एक जूनियर रेजिडेंट ने बच्चे को इंजेक्शन लगाया तो उसके बाद ही तबीयत बिगड़ती चली गई और उसकी मौत हो गई। जबकि रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे जब अस्पताल लाए गए तो उनकी हालत काफी नाजुक थी। लामा चिकित्सीय प्रक्रिया के लिए भेजा गया था। लेकिन, एक बच्चे की मौत मंगलवार को हो चुकी थी और दूसरे बच्चे की सांसें जब उखड़ने लगीं तो उसके परिजन आरोप लगाने लगे। आरडीए ने इंजेक्शन लगाने की बात से साफ इंकार किया है।
मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) अध्यक्ष डॉ. सुनील दुचानिया का कहना है, हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल का दौरा किया था। उस दौरान उन्होंने डॉक्टरों को ही हिंसा का जिम्मेदार बताया जबकि यह घटना उनके सामने है। मारपीट में दो डॉक्टर को गंभीर चोट आई हैं। खबर लिखे जाने तक आपातकालीन वार्ड में घायल डॉक्टरों की एमएलसी की जा रही थी। आरडीए की मांग है कि इस मामले में संस्थान की ओर से एफआईआर के बाद पुलिस सख्त कार्रवाई करे। वहीं दिल्ली पुलिस के अनुसार उन्हें देर रात तक कोई शिकायत नहीं मिली है।