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Saturday, May 4, 2024

दिल्‍ली के चीफ मिनिस्‍टर अरविंद केजरीवाल को राजधानी की राउज एवेन्‍यू कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है.

सीएम की अपने प्राइवेट डॉक्‍टर से शुगर की बीमारी को लेकर नियमित तौर पर कंसल्‍ट करने की याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. अरविंद केजरीवाल की तरफ से नियमित इंसुलिन दिए जाने का अनुरोध किया गया था. इसपर जज ने कहा, ‘AIIMS के विशेषज्ञ डॉक्टरों (Endorinologist/Diabatologist) की देखरेख में इसके लिए एक मेडिकल बोर्ड बनाया जाए जो इसपर फैसला लेगा.’

अरविंद केजरीवाल ने बीते दिनों राउज एवेन्‍यू कोर्ट का रुख किया था. याचिका लगाकर दिल्‍ली के सीएम ने कहा था कि उन्‍हें शुगर की बीमारी है. गिरफ्तारी से पहले वो अपने प्राइवेट डॉक्‍टर से इसका इलाज करवा रहे हैं. सीएम का कहना था कि वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के माध्‍यम से उन्‍हें अपने डॉक्‍टर से नियमित तौर पर कंसल्‍ट करने की इजाजत दी जाए. दिल्‍ली शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने बीते महीने 21 मार्च को अरेस्‍ट किया था. वो इस वक्‍त न्‍यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं. इसी मामले में पूर्व डिप्‍टी सीएम मनीष सिसोदिया भी तिहाड़ जेल में बंद हैं.

शराब नीति केस में 1 अप्रैल से तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सोमवार को राउज एवेन्यू कोर्ट से झटका लगा। उन्हें डॉक्टर से रोज 15 मिनट परामर्श की इजाजत नहीं मिली। CM ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डायबिटीज की रेगुलर जांच, कंसल्टेंशन और इंसुलिन की मांग की थी।

ED ने 18 अप्रैल को राउज एवेन्यू कोर्ट से कहा था कि जेल में केजरीवाल जानबूझकर आम और मिठाई खा रहे हैं, ताकि उनका शुगर लेवल बढ़े और उन्हें मेडिकल ग्राउंड पर जमानत मिल जाए। कोर्ट ने ED से इस पर जवाब मांगा था।

इससे पहले सुबह हाईकोर्ट ने उनसे जुड़ी 2 याचिकाओं पर सुनवाई की। पहली- हाईकोर्ट ने जमानत के लिए दायर की गई जनहित याचिका खारिज कर दी। याचिका ‘वी द पीपुल ऑफ इंडिया’ के नाम से एक लॉ स्टूडेंट ने लगाई थी। केजरीवाल की ओर से एडवोकेट राहुल मेहरा ने कहा- सभी मामलों में असाधारण जमानत दें। ऐसी अपील कैसे की जा सकती है। यह पूरी तरह से पब्लिसिटी के लिए दायर की गई याचिका है।

इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा, ‘मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी से पूरी सरकार रुक गई है। वे सरकार के मुखिया हैं। कोर्ट ने कहा- राहुल मेहरा CM की ओर से पेश हुए हैं। उनका कहना है कि वे अपना काम कर रहे हैं। उन्हें आपसे कोई मदद नहीं चाहिए। इसके बाद कोर्ट ने 75 हजार का जुर्माना लगाते हुए याचिका खारिज कर दी।’

वहीं दूसरे मामले (ED के समन के खिलाफ) की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस सुरेश कैत और जस्टिस मनोज जैन की बेंच में हुई। बेंच ने इसे 15 मई के लिए लिस्ट कर दिया।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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